भारत में ऐसे कई मंदिर और स्थान हैं, जहां महिलाओं का जाना वर्जित है, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में एक ऐसा भी मंदिर हैं जहां महिलाओं नहीं पुरुषों का जाना वर्जित है। जी हां, इतना ही नहीं ये एक ऐसा मंदिर है जहां पुरुषों का जाना मना तो है ही, परंतु अगर पुरुष इस मंदिर में जाना चाहे तो उन्हें महिलाओं की तरह 16 श्रृंगार करने पर ही इस मंदिर में जाने की अनुमति मिलती है। हम जानते हैं आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जो इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे। इसलिए हम आपके लिए इस मंदिर से जुड़ी हर वो बात लेकर आए हैं, जिससे आपका शक यकीन में बदल जाएगा।
श्री कोत्तानकुलांगरा मंदिर, चंवर, कोल्लम जिला, केरल
जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन केरल के कोल्लम ज़िले के श्री कोत्तानकुलांगरा मंदिर में पुरुषों को महिलाओं की तरह पूरा सोलह श्रृंगार करके मंदिर में प्रवेश करना होता है।
केरल के कोल्लम ज़िले में श्री कोत्तानकुलांगरा देवी मंदिर में प्रवेश के लिए पुरुषों को न केवल महिलाओं की तरह साड़ी पहनना पड़ता हैं बल्कि उन्हीं की तरह गहनें तथा सोलह श्रृंगार करना पड़ता है।
मंदिर में प्रत्येक वर्ष चाम्याविलक्कू त्यौहार मनाया जाता है। जिसमें हज़ारों की संख्या में पुरुष श्रद्धालु आते हैं। उनके तैयार होने के लिए मंदिर में अलग से मेकअप रूम बनाया गया है। इस त्योहार में शामिल होने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है।
यह है मंदिर को लेकर मान्यताएं पुरुषों और महिलाओं के अलावा ट्रांसजेंडर्स भी इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं। मंदिर को लेकर ऐसी मान्यताएं है कि इस मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति स्वयंभू है। राज्य का यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसके गर्भगृह के ऊपर छत या कलश नहीं है। अपनी खास परंपराओं व मान्यताओं के लिए यह दिनों-दिन दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल करता जा रहा है।
एक किवदंती के अनुसार प्राचीन समय में कुछ लोग एक पत्थर पर नारियल फोड़ रहे थे इसी दौरान पत्थर से खून निकलने लग गया, जिस के बाद से यहां देवी की पूजा होने लगी।