जानिए महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन के बारे में:
महाकालेश्वर मंदिर का यह ज्योतिर्लिंग दुनिया का एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। जो भी व्यक्ति इस मंदिर में आ कर भगवान शिव की सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसे मृत्यु उपरांत यमराज द्वारा दी जाने वाली यातनाओं से मुक्ति मिलती है।
इस मंदिर का विध्वंस किए जाने के बाद यहां जो भी शासक रहे, उन्होंने इस मंदिर के सौन्दर्यीकरण की ओर विशेष ध्यान दिया। प्रतिवर्ष इस मंदिर को सुसज्जित किया जाता है।
सावन के पावन महीने में पूरे देश भर से भगवान शंकर के भक्त मीलों दूर से इस दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग की अराधना के लिए पहुंचते है।
कुछ विद्वानों का मानना है कि यह महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग ही संपूर्ण पृथ्वी का केंद्र बिंदु है और संपूर्ण पृथ्वी के राजा भगवान महाकाल अर्थात शिव यहीं से पृथ्वी का भरण-पोषण करते हैं। यहां पहले महाकाल की भस्म आरती ताजा मुर्दे की भस्म से की जाती थी लेकिन कुछ समय बाद महात्मा गांधी जी के आग्रह करने पर शास्त्रीय विधि से निर्मित उपल-भस्म से भस्मार्ती होने लगी।