भारत का आखिरी गांव: माणा गांव, चमोली जिला, उत्तराखंड

भारत का आखिरी गांव: माणा गांव, चमोली जिला, उत्तराखंड

भारत का यह आखिरी गांव आर्थिक तंगी से परेशान लोगों के लिए चमत्कार से कम नहीं है। उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव है। यह बद्रीनाथ से करीब 3 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि आर्थिक तंगी से परेशान जो भी लोग यहां आते हैं भोलेनाथ की कृपा से उनकी स्थिति बेहतर हो जाती है।

इस गांव का नाम भगवान शिव के भक्त मणिभद्र देव के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि यह गांव श्राप मुक्त है अौर यहां आने वाले व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। यह गांव समुद्र तल से करीब 3 हजार फुट ऊंचाई पर बसा हुआ है।

Ganesh Guffa
Ganesh Guffa

यहां कई एेतिहासिक स्थान है। गांव में जाते ही सबसे पहले गणेश गुफा नजर आती है। कहा जाता है कि जब गणेश जी वेदों की रचना कर रहे थे तो सरस्वती नदी अपने पूरे वेग में बहने के कारण शोर कर रही थी। जिसके कारण गणेश जी ने उनसे कहा था कि वे कम शोर करें क्योंकि उनके कार्य में बाधा पड़ रही है। लेकिन सरस्वती नदी ने उनकी बात नहीं मानी। उनकी बात से नाराज होकर गणेश जी ने उन्हें श्राप दिया कि इससे आगे वह किसी को भी नहीं दिखाई देगी। जिसके कारण सरस्वती नदी कुछ दूरी पर जाकर अलकनंदा में मिल जाती है।

Bheem Pul
Bheem Pul

सरस्वती नदी के ऊपर भीम पुल है। इस विषय में कहा जाता है कि जब पांडव स्वर्ग में जा रहे तो सरस्वती नदी से किनारा मांगा परंतु उन्होंने नहीं दिया। जिस पर भीम ने दो बड़ी शिलाएं उठाकर नदी के ऊपर रख दी थी। जिससे इस पुल का निर्माण हुआ। जिसके कारण इसका नाम भीम पुल पड़ा।

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