संपूर्ण विश्व में भगवान श्रीकृष्ण के बहुत सारे मंदिर हैं, लेकिन उनकी पटरानियों और रानियों के बहुत कम मंदिर हैं। भगवान कृष्ण की आठ पटरानियां थी सत्यभामा उन्हीं में से एक थीं। उनका एकमात्र मंदिर आंध्र प्रदेश में पुट्टपर्थी में अवस्थित है जहां बहुत से विख्यात मंदिर हैं। माना जाता है कि संसार में यह देवी सत्यभामा का एकमात्र मंदिर है। यह मंदिर कैसे स्थापित हुआ इसके पीछे दिलचस्प कथा है।
देवी सत्यभामा का यह मंदिर विश्व विख्यात तो है ही महत्वपूर्ण भी है, क्योंकि इस मंदिर की स्थापना साईं बाबा के दादा जी ने की थी। कहते हैं कि साईं बाबा के दादा जी को स्वप्न में देवी सत्यभामा ने साक्षात दर्शन दिए और उन्हें अपना मंदिर बनाने के लिए कहा।
शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी सत्यभामा को इच्छाशक्ति की देवी कहा जाता है क्योंकि यह अपने किसी भी भक्त की इच्छा को अधूरा नहीं रहने देती। सभी तरफ से हारे लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए यहां दर्शनों के लिए आते हैं और भगवान श्रीकृष्ण और उनकी पटरानी सत्यभामा से मनवांछित वर पाते हैं।
मंदिर के भीतर देवी सत्यभामा की करीब-करीब 3 फीट ऊंची प्रतिमा है। मंदिर के गर्भगृह में देवी सत्यभामा की प्रतिमा के ईर्द-गिर्द भगवान श्रीकृष्ण के बहुत से चित्रपट लगे हुए हैं। जिन्हें देखते ही आत्मिक शांति का अनुभव होता है।
देवी सत्यभामा मंदिर के आसपास अवस्थित हैं ये रमणीय स्थल अवश्य देखें –
- आंजनेय हनुमान मंदिर – राम भक्त हनुमान जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है। जोकि खूबसूरत स्थल पर स्थापित है।
- मेडिटेशन ट्री – यह एक ऐसा पेड़ है जो सारे पुट्टपर्थी में ध्यान लगाने के लिए विख्यात है। यहां के आम जनमानस का मानना है की इस पेड़ का पूजन करने से एकाग्र शक्ति में बढ़ौतरी होती है।
- श्री सत्य साई अंतरिक्ष रंगमंच (तारामंडल) – यहां खगोल विज्ञान, भौतिक विज्ञान और गणित के विषय में ज्ञान अर्जित किया जा सकता है।
- प्रशांति निलयम – यह सत्य साईं बाबा का आश्रम है।