शक्तिपीठ श्री हिंगलाज माता मंदिर, बलूचिस्तान

शक्तिपीठ श्री हिंगलाज माता मंदिर, बलूचिस्तान, पाकिस्तान: नानी का हज

माता हिंगलाज भवानी मंदिर, बलूचिस्तान: भारत के ही भाग रहे पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के किनारे अघोर पर्वत पर माता हिंगलाज भवानी का मंदिर है। यह मंदिर बलूचिस्तान राज्य की राजधानी कराची से 120 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में  हिंगोल नदी के तट के ल्यारी तहसील के मकराना के तटीय क्षेत्र में हिंगलाज में स्थित है। यह प्रदेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर है।

Name: शक्तिपीठ श्री हिंगलाज माता मंदिर, बलूचिस्तान, पाकिस्तान (Maihar Devi Mandir) – Maa Sharda Temple, Maihar
Location: Hingol National Park, Road Asha Pura, Las Bela, Balochistan, Pakistan
Deity: Sharada (Goddess of learning), Hinglaj Mata
Affiliation: Hinduism
Completed: 502 A.D.
Architecture: Cave Temple

माता हिंगलाज भवानी मंदिर, बलूचिस्तान, पाकिस्तान

Hindu devotees perform their rituals in the ancient cave temple of Hinglaj Mata
Hindu devotees perform their rituals in the ancient cave temple of Hinglaj Mata

मान्यता है कि माता सती के शरीर का पहला टुकड़ा अर्थात सिर का एक भाग यहीं अघोर पर्वत पर गिरा था। इस स्थान को हिंगलाज, हिंगुला, कोटारी और नानी का मंदिर नाम से जाना जाता है।

इस मंदिर का निर्माण मनुष्य के द्वारा नहीं  बल्कि प्राकृतिक रूप से हुआ है। इस पहाड़ी गुफा में देवी माता मस्तिष्क रूप में विराजित है। शास्त्रों के मतानुसार इस शक्तिपीठ को आग्नेय तीर्थ कहा गया है। चैत्र नवरात्र में इस स्थान पर महीने भर तक विशाल मेले का आयोजन  होता है। इस मंदिर की विशेष बात यह है कि यहां के पुजारी मुस्लिम धर्म के हैं।

हिंगलाज माता मंदिर जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा जरूरी है। हिंगलाज की यात्रा कराची से प्रारंभ होती है। कराची से लगभग 10 किलोमीटर दूर हॉव नदी है। मुख्य यात्रा वहीं से शुरू होती है। हिंगलाज जाने के पहले लासबेला में माता की मूर्ति का दर्शन करने होते हैं। यह दर्शन छड़ी वाले पुरोहित कराते हैं। वहां से शिवकुण्ड (चंद्रकूप) जाते हैं, जहां अपने पाप की घोषणा कर नारियल चढ़ाते हैं। जिनकी पाप मुक्ति हो गई और दरबार की आज्ञा मिल गई। उनका नारियल और भेंट स्वीकार हो जाती है।

हिंगलाज पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रदेश के दक्षिण में मकरान मरुभूमित में स्थित एक महत्वपूर्ण तीर्थ-स्थल है। यहाँ हिंगलाज माता का मन्दिर है, इसको 51 में से एक शक्तिपीठों में गिना जाता है। देवी का नाम बांग्ला, असमिया और सस्कृत में इसी नाम से जाना जाता है। आय़ुर्वेद शास्त्र में भी यह नाम आता है। कराची के यह कोई २५० किलोमीटर उत्तर पश्चिम में आता है। अधिकतर श्रद्धालु सिन्ध से आते हैं।

इसके पास ही एक राष्ट्रीय उद्यान भी है।

इसी नाम से (हिंगलाज देवी) भारत में एक और मन्दिर मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की बरेली तहसील में बाड़ी में है। इस जगह को स्थानीय रूप से छोटी काशी कहा जाता है।