सूर्य मन्दिर, अमादलपुर गांव, यमुनानगर, हरियाणा

सूर्य मन्दिर, अमादलपुर गांव, यमुनानगर, हरियाणा

भारत के गौरवमयी इतिहास को संजोय एक ऐसा सूर्य मन्दिर जो कि हरियाणा के जिला यमुनानगर के गांव अमादलपुर में है। इस मंदिर पर सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए सूर्य ग्रहण के दिन साधू संत और श्रद्धालु दूर-दूर से यहां माथा टेकने आते हैं। पूरे भारत वर्ष में केवल दो ही ऐसे मंदिर हैं जहां सूर्य ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ता। सूर्य ग्रहण के मौके पर भी ये दोनों मन्दिर खुले होते हैं। बताया जाता है कि भारत वर्ष में इस तरह के 68 कुंड है लेकिन पूरे भारतवर्ष मे सूर्यकुंड मन्दिर केवल दो ही हैं।

एक मंदिर है उड़ीसा का कोणार्क और दूसरा है हरियाणा के यमुनानगर में स्थित सूर्यकुंड मन्दिर। मन्दिर के पुजारी स्वामी सुरेश ने बताया कि सूर्यग्रहण के समय मन्दिर के प्रांगण में आने-वाले किसी भी प्राणी पर ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ता। स्वामी सुरेश ने बताया कि मन्दिर के प्रांगण में सूर्य कुंड इस प्रकार से बना है क‍ि सूर्य की‍ किरणें इस प्रकार पड़ती हैं कि वो कुंड मे ही समा जाती हैं।

उन्होंने बताया कि त्रेता के मध्य से कुछ पूर्व सूर्यवंश के राजा मंधाता ने सौभरी ऋष‍ि को आर्चाय बना कर राज सूर्ययज्ञ किया। मंधाता के ऋषि ने यज्ञ भूमि को खुदवा कर उसमें पानी भरवा दिया और इस कुंड का नाम सूर्यकुंड रख दिया। पांडवों ने भी इसी सूर्य मन्दिर में स्नान कर पूजा-अर्चना की थी। मन्दिर की ऐसी मान्यता है कि यहां के सूरजकुंड में स्नान करने से सभी रोग दूर हो जाते हैं। बुधवार को भी साल का पहला सूर्यग्रहण था जहां भारी तादाद में श्रद्धालु माथा टेकने पहुंचे।

Check Also

Guru Gobind Singh - The Childhood

Guru Gobind Singh: Childhood of 10th Sikh Guru

Guru Gobind Singh: Childhood of 10th Sikh Guru – The tenth Guru Spent his first five …