Surkanda Devi, Saklana Range, Uttarakhand सुरकंडा देवी मंदिर, टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड

Surkanda Devi, Saklana Range, Uttarakhand सुरकंडा देवी मंदिर, टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड

टिहरी जनपद में जौनपुर प्रखंड के सुरकुट पर्वत पर मां सुरकंडा का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। यह स्थान समुद्रतल से करीब 3000 मीटर की ऊचांई पर है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां पर माता सती का सिर गिरा था। तभी से यह स्थान सुरकंडा देवी के नाम से प्रसिद्ध हो गया। कहा जाता है कि यहां पर देवराज इंद्र ने भी मां की आराधना करके अपना खोया साम्राज्य हासिल किया था। ऊंची चोटी पर स्थित होने के कारण यहां से चंद्रबदनी मंदिर, तुंगनाथ, चौखंबा, गौरीशंकर, नीलकंठ, दूनघाटी आदि स्थान दिखाई देते हैं।

यह एक इकलौता सिद्धपीठ है जहां गंगा दशहरा पर भव्य मेले का आयोजन होता है। सुरकंडा मंदिर में गंगा दशहरा के मौके पर देवी के दर्शनों का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस समय जो देवी के दर्शन करेगा, उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी। यहां मां के दर्शनों के लिए दूर-दूर से भक्तजन आते हैं। कहा जाता है कि जब राजा भागीरथ तप करके मां गंगा को धरती पर लाए थे तो उस समय एक धारा यहां सुरकुट पर्वत पर भी गिरी थी। उस समय से ही गंगा दशहरा पर मां के दर्शनों का महत्व माना गया है।

मंदिर के कपाट पूरा वर्ष खुले रहते हैं। सर्दियों के मौसम में अधिकांश समय यहां बर्फ पड़ी रहती है। मार्च व अप्रैल में भी मौसम ठंडा ही रहता है। जिसके कारण गर्म कपड़ों का ही प्रयोग किया जाता है। यहां पर श्रद्धालुअों के रुकने के लिए धर्मशालाअों की सुविधा उपलब्ध है।

यहां पर बस, रेल मार्ग के अतिरिक्त हवाई मांर्ग द्वारा भी पहुंचा जा सकता है। यहां सबसे निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डा है। इसके अतिरिक्त हरिद्वार अौर देहरादून रेलवे स्टेशन नजदीक हैं। सुरकंडा देवी मंदिर पहुंचने के लिए हर जगह से वाहन सुविधा उपलब्ध है। देहरादून वाया मसूरी होते हुए 73 कि.मी. की दूरी तय कर कद्दूखाल पहुंचना पड़ता है। फिर यहां से दो कि.मी. पैदल दूरी पर मंदिर है। ऋषिकेश से वाया चंबा होते हुए 82 कि.मी. दूरी तय कर भी यहां पहुंचा जा सकता है।

Check Also

Pisces Horoscope - मीन राशि

Pisces Weekly Horoscope November 2024: Astro Anupam V Kapil

Pisces Weekly Horoscope November 2024: Pisces is the last sign of the zodiac, which has …