विभीषण मंदिर, कैथून, कोटा जिला, राजस्थान

विभीषण मंदिर, कैथून, कोटा जिला, राजस्थान

Name: विभीषण मंदिर (Vibhishana Temple – Kota)
Location: 4XCF+QXJ, Kethun (Kaithun), Kota District, Rajasthan 325001 India
Deity: Vibhishana : Vibhishana (विभीषण) is the younger brother of Ravana, the King of Lanka, in the ancient Indian epic Ramayana. Though a rakshasa himself, Vibhishana turned his back on Ravana, and defected to Rama’s side, owing to his dharma. After Rama defeated Ravana, the former crowned Prince Vibhishana as the King of Lanka before returning to Ayodhya.
Affiliation: Hinduism
Completed: – century
Visiting Hours: 06:00 AM – 19:30PM

देश में ‘विभीषण’ का एकमात्र मंदिर

आपने ‘घर का भेदी लंका ढहाए‘ कहावत जरूर सुनी होगी। रावण के भाई विभीषण के लिए ये कहावत कही गई है। भले ही ये कहावत रावण को छोड़कर राम का साथ देने के लिए विभीषण पर गढ़ी गई हो लेकिन देश में एक ऐसी जगह है, जहां विभीषण को राम भक्त मानकर पूजा जाता है। इसी मंदिर में होलिका दहन के दिन हिरण्यकश्यप के पुतले का भी दहन किया जाता है।

रावण के छोटे भाई विभीषण, जिन्होंने श्री राम का साथ देकर धर्म का मार्ग अपनाया था, का एक मात्र मँदिर राजस्थान के कोटा जिले में है। कोटा से 6 किलोमीटर दूर कैथून कस्बे में उनका एक बड़ा मंदिर है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मंदिर 5000 साल पुराना है। मंदिर से एक पौराणिक कहानी जुड़ी है। कहा जाता है कि भगवान श्री राम के राज्याभिषेक के समय शिव जी ने मृत्युलोक की सैर करने की इच्छा प्रकट की, जिसके बाद विभीषण ने कांवड़ पर बिठाकर भगवान शंकर और हनुमान को सैर कराने कौ ठानी।

शिव जी ने शर्त रख दी कि जहां भी उनका कांवड़ जमीन को छुएगा, यात्रा वहीं खत्म हो जाएगी। विभीषण शिव जी और हनुमान जी को लेकर यात्रा पर निकले। कुछ स्थानों के भ्रमण के बाद विभीषण का पैर कैथून कस्बे में धरती पर पड़ गया और यात्रा खत्म हो गई।

कांवड़ का अगला सिरा करीब 12 किलोमीटर आगे चौरचौमा में और दूसरा हिस्सा कोटा के रंगबाड़ी इलाके में पड़ा। रंगबाड़ी में हनुमान जी और चौरचौमा में शिव जी का मंदिर स्थापित किया गया और जहां विभीषण का पैर पड़ा – वहां उनका मंदिर बना।

हर साल धंसती है प्रतिमा

मंदिर में लगी विभीषण की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है। मंदिर में स्थापित प्रतिमा का केवल धड़ से ऊपर का भाग ही दिखता है। माना जाता है कि यह प्रतिमा हर साल जौ के दौने के बराबर जमीन में धंसती है।

होली के अवसर पर कैथून में विभीषण मेला लगता है। सात दिवसीय इस मेले में दूर-दूर से लोग आते हैं।

Kaithoon is a town and a municipality in Kota district in the Indian state of Rajasthan. The place is popular for its sarees known as Kota Doria.

As of 2001 India census, Kaithoon had a population of 20,362. Males constitute 52% of the population and females 48%. Kaithoon has an average literacy rate of 62%, higher than the national average of 59.5%: male literacy is 73%, and female literacy is 51%. In Kaithoon, 17% of the population is under 6 years of age.

हिरण्यकश्यप का होता है दहन

खास बात है कि देश भर में यहां सिर्फ हिरण्यकश्यप का पुतला दहन किया जाता है जो प्रह्मद को मारना चाहता था। भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध करके भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी इसलिए यहां होलिका दहन के दूसरे दिन हिरण्यकश्यप के पुतले का दहन किया जाता है।

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