विद्याशंकर मंदिर श्रृंगेरी, चिकमगलूर, कर्नाटक

विद्याशंकर मंदिर श्रृंगेरी, चिकमगलूर, कर्नाटक

विद्याशंकर मंदिर श्रृंगेरी: कर्नाटक के श्रृंगेरी नामक स्थान पर स्थितविद्याशंकर मौँदर प्रसिद्ध पर्यटनस्थलों में से एक है। यहां कई शिलालेख भी मौजूद हैं, जो भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध ‘विजयनगर साम्राज्य‘ के योगदान को दर्शाते हैं।

इस तीर्थ स्थल का निर्माण 1338 ई. में ‘विद्यारान्य‘ नामक एक ऋषि ने कराया था, जो विजयनगर साम्राज्य के संस्थापकों के संरक्षक थे और 14वीं सदी में यहां रहते थे। यह मंदिर द्रविड़, चालुक्य, दक्षिण भारतीय और विजयनगर स्थापत्य शैली को बहुत ही खूबसूरती के साथ दर्शाता है।

Name: विद्याशंकर मंदिर श्रृंगेरी (Sri Vidyashankara temple Sringeri)
Location: Sringeri, Chikmagalur District, Karnataka 577139 India
Deity: Lord Shiva, Lord Vishnu, Lord Brahma, Goddess Durga
Affiliation: Hinduism
Creator: विद्यारान्य ऋषि
Completed In: 1338 A.D.
Festivals: मंदिर विद्यातिर्थ रथोत्सव के उत्सव के लिए जाना जाता है, जो कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के दौरान आयोजित किया जाता है।

भारत को प्राचीन वास्तुकला का उदाहरण ‘विद्याशंकर मंदिर श्रृंगेरी’

बारह स्तम्भ

इस आयताकार मौदिर में 2 स्तम्भ हैं, जोकि राशि चक्र के खंभे के रूप में प्रसिद्ध हैं। इन सभी स्तम्भों पर 12 राशियों की नक्काशियां  प्रदर्शित की गई हैं, जिनकी रूपरेखा खगोलीय अवधारणाओं को विचार में रखकर तैयार की गई थी।

मंदिर में प्रवेश करते ही आपको मेष एवं वृषभ राशि से सम्बंधित स्तम्भ दिखेंगे। वृश्चिक एवं तुला राशि से सम्बंधित स्तम्भ देवी की प्रतिमा के समीप स्थित हैं।

ये 12 स्तम्भ एक आकार के नहीं हैं। कोने में स्थित 4 स्तम्भ अन्य स्तम्भों से अपेक्षाकृत विशाल हैं। इन स्तम्भों पर सौर चिन्ह भी बने हैं। हर सुबह जब सूरज की किरणें यहां पड़ती हैं, तो वे वर्ष के महीने का संकेत देने वाले एक विशेष स्तंभ से टकराती हैं।

मंडप के मध्य स्थित गोलाकार आकार की ग्रेनाइट शिला पर तिरछी रेखाएं उत्कीर्णित हैं। सम्भवत: ये रेखाएं सूर्य कौ किरणों का अनुगमन करने के लिए बनाई गई होंगी।

मंदिर का निर्माण करते समय इन रेखाओं के प्रयोग से स्तम्भों के सटीक स्थान की गणना की गई होगी, ताकि समयानुसार सूर्य की प्रथम किरणें संबंधित स्तम्भ पर गिरे।

मंदिर की वास्तुकला

एक ऊंचे मंच पर इस सुंदर ढंग से उत्कीर्णित शिलाओं से निर्मित मंदिर की विशेषता है इसका अर्धगोलाकार आकार, जो अनायास ही सबका ध्यान अपनी ओर आरक्षित कर लेता है।

मंदिर की केन्द्रीय छत की एक प्रमुख विशेषता है कि इस पर सुंदर वास्तुकला प्रदर्शित कौ गई है, जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ाती है।छत पर कमल एवं तोतों की कई आकृतियां भी उत्कीर्णित है।

यहां की छतें ढलवां मोड़ के लिए जानी जाती हैं। मंदिर के तहखाने में भगवान शिव, भगवान विष्णु, दशावतार, शंमुखा, देवी काली और विभिन्न प्रकार के जानवरों की सुंदर प्रतिमाएं स्थापित को गई हैं। मंदिर विद्यातीर्थ रथोत्सव के उत्सव के लिए भी लोकप्रिय है, जो कार्तिक शुक्ल पक्ष के दौरान आयोजित किया जाता है।

मंदिर का गर्भगृह

एक गर्भगृह मंदिर में मौजूद है। भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान महेश्वर की मूर्तियों को उनकी पत्नियों की मूर्तियों के साथ गर्भगृह में देखा जा सकता है। गर्भगृह के भीतर काली शिला का एक बड़ा शिवलिंग है, जिसे विद्याशंकर लिंग कहा जाता है। इसके बाई ओर विद्या गणपति कौ काले पत्थर की बनी प्रतिमा है तथा दाईं ओर दुर्गा के रूप में देवी की प्रतिमा है। मंदिर की एक और अनूठी बात है कि दोनों विषुवों (जब दिन-रात बराबर होते हैं) के दिन सूर्योदय की किरणें सीधे विद्याशंकर लिंग पर पड़ती हैं।

Sri Vidyashankara temple Sringeri, Chikmagalur

The Vidyashankara temple is located in the holy town of Sringeri, in the Chikmagalur district of Karnataka. Apart from its religious significance, the temple is an eye open for architecture enthusiasts as it combines the architectural style of the Hoysala and Dravidian eras. Sringeri is the site of one of the Advaitha mathas established by Adi Shankara himself. It has a continuing tradition and recorded history from the eighth century. Sri Adi Shankara’s disciple Sureshwarachrya was the first head of this matha.

Vidyashankara Temple: History

The Sringeri Matha’s continued lineage is traceable through various records. Two of the most famous pontiffs of this matha are Vidya Shankara or Vidyathirtha and his disciple Vidyaranya.

Vidyaranya is a legendary figure in the history of Karnataka and also South India. His period saw the beginning of Muslim incursions into the south. Vidyaranya was instrumental in helping the brothers Harihara and Bukka establish the Vijayanagara Empire, which served as a fortress for defending Hindu traditions and temples against the tidal wave of Muslim invaders from the North.

Vidyaranya it is believed influenced the brothers Harihara and Bukka to have a temple constructed over the Samadhi of his Guru, Vidyathirtha. This temple is known as Vidyashankara Temple.

Vidyashankara Temple: Architecture

The Vidyashankara temple was constructed in 1338 AD. Built around the Samadhi of Vidyathirtha, this is a beautiful and interesting temple that bears a slight resemblance to an old Chariot. It combines the general the features of Dravidian style with the Vijayanagara style. Standing on a richly sculpted plinth, this temple has six doorways.

Twelve pillars surround the mandapa with figures of the twelve signs of the zodiac. They are constructed in such an ingenious way that the rays of the sun fall on each pillar in the chronological order of the twelve months of the Hindu calendar. Each column is topped by a Yali with a rolling stone ball in its mouth.

Inside the temple, on the floor, a circle is drawn with lines corresponding to the shadows cast by each pillar. There are five shrines here. The main shrine has a Shiva Linga over the Samadhi of Sri Vidyashankara and it is known as Vidya Shankara Linga. The other shrines are for Brahma, Vishnu, Shiva and Durga. The Garbhagraha is topped by a majestic square vimana.

This temple also houses a broken sandalwood idol of Sharadamba, believed to have been installed in the Sharadamba temple by Adi Shankara Himself. This idol, it is believed, was damaged during the Muslim invasion, and Sri Vidyaranya had the current Gold statue of Sharadamba installed in its place.

The temple stands on the banks of the Tunga river. Fish are often found at the temple steps where they wait for devotees to feed them puffed rice. These fish are considered sacred.

How To Reach The Vidyashankara Temple In Sringeri:

By Road:

  • Sringeri is connected through bus routes to most nearby places in Karnataka.

By Rail:

  • At a distance of 80km, the Udupi railway station is the closest railway stop to Sringeri. From here, you can take a cab or a bus to visit the temple. The journey will take around 2 hours.

By Air:

  • Mangalore is the closest airport to Sringeri. The distance of just over 100 km can be covered by road in 2-3 hours.

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