चटपटी पहेलियां छोटे बच्चों के लिए [01-12-2024]
चटपटी पहेलियां छोटे बच्चों के लिए: बच्चों को होशियार बनाने के लिए उन्हें दिमाग दौड़ाने वाली एक्टिविटीज में शामिल करना सबसे अच्छा होता है, और इसके लिए पहेलियाँ बुझाना एक बेहतरीन तरीका है। बच्चों के लिए पहेलियाँ न केवल मजेदार होती हैं बल्कि ये उनकी विचार शक्ति को भी बढ़ाती हैं। यहाँ हम आपके बच्चे के लिए कुछ बेहद रोचक और रचनात्मक पहेलियों का संग्रह लेकर आए हैं, जो उसके संज्ञानात्मक विकास (कॉग्निटिव डेवेलपमेंट) को बढ़ाएंगी ।
पहेली 01:
एक पुरुष का देखा हिया,
‘फांक-फांक तन अपना किया।
कुछ नहीं खाए, खाए तेल,
नर-नारी से करता खेल।
उत्तर: 01
पहेली 02:
एक नार बहुत काम आती,
जितने दांत उतना ही खाती।
दांतों से ही काम बनाती,
बिना दांत के काम न आती।
उत्तर: 02
पहेली 03:
एक नार दो सींगों से,
रोज लड़े दो धींगों से।
जिसके घर पे जाके अड़े,
एक दो मानस लेके टले।
उत्तर: 03
पहेली 04:
जंगल में मौका,
गांव में ससुराल,
गांव आई दुल्हन,
उठ चला बवाल।
उत्तर: 04
पहेली 05:
एक नार के पेट में कीली,
कीली बिन हो जाए ढीली,
पांवों तक वह रहे उघाड़ी,
नाचोली, लहंगा, ना, साड़ी।
दबा टांग जो लेय दबाय,
अनायास कट कर रह जाए।
उत्तर: 05
पहेली 06:
रहे अकेली मर्द कहाए,
जुड़ जाने से तिरिया।
यही पहेली,
पुरुष नी वह तिरिया।
उत्तर: 06
पहेली 07:
हरी थी मन भरी थी,
लाख मोती जड़ी थी।
राजा जी के बाग में,
दुशाला ओढ़े खड़ी थी।
उत्तर: 07
पहेली 08:
एक फूल है काले रंग का,
सर पर सदा सुहाए।
तेज धूप में खिल जाता है,
छाया में मुरझाये।
उत्तर: 08
पहेली 09:
इक नागन लहराती जाए,
फुंकारों से दिल दहलाए।
निगले उगले लाखों मन,
सौंपे तन, मन लेकर धन।
उत्तर: 00
पहेली 10:
एक मां के जाए दोनों भाई,
दोनों की है एक लुगाई।
नारी से हैं दोनों गोरे,
बिन मां के नटखट छोरे।