Top 10 Dimagi Paheliyan: इस पोस्ट में हम आपके लिए दिमागी पहेलियाॅं का संग्रह लेकर आए है। इन Dimagi Paheliyan को सुलझाते हुये आपके दिमाग की अच्छी-खासी कसरत होने वाली है। यह दिमागी पहेलियाॅं हमारी दिमाग का परीक्षण करती है और साथ ही साथ हमें हंसाती भी है। तो क्या आप तैयार है इन दिमागी पहेली (dimagi paheli) के साथ अपने दिमागी कसरत के लिए। इन दिमागी पहेलियाॅं उत्तरसहित को आप अपने दोस्तो तथा परिजनो के साथ सांझा कर उनके भी दिमाग का परीक्षण कर सकते है।
Top 20 Dimagi Paheliyan
पहेली 01:
नाक को पकड़कर खींचता है कान,
कोई नहीं इसे कुछ कहता।
बताओ उसका नाम।
उत्तर: 1
पहेली 02:
नदी बहुत हैं, पर पानी नहीं दिखे,
नगर हैं, पर दिखे न प्राणी।
कालिख से यह बनी है काया,
कागज पर स्थान है पाया।
उत्तर: 2
पहेली 03:
एक परी है पतली- दुबली, काला मुकुट पहनती,
मुकुट गंवाकर करे उजाला, खुद अंधकार में रहती।
उत्तर: 3
पहेली 04:
चलने को तो चलता हूं, गर्मी में सुख पहुंचाता हूं,
पैर भी हैं मेरे तीन, मगर आगे बढ़ नहीं पाता।
उत्तर: 4
पहेली 05:
हरा चोर लाल मकान, उसमें बैठा काला शैतान।
गर्मी में बहुत दिखता है और सर्दी में गायब हो जाता।
उत्तर: 5
पहेली 06:
दर पर तेरे बैठा हूँ मैं, करने को रखवाली।
बोलो भैया साथ ले गए क्यों मेरी घरवाली।
उत्तर: 6
पहेली 07:
चार खंडों का नगर बना, चार कुए बिन पानी।
चोर 18 उसमे बैठे लिए एक रानी।
आया एक दरोगा सबको पीट-पीटकर कुए में डाला।
उत्तर: 7
पहेली 08:
भरा बदन रेखाएं तीन, दाना खाती हाथ से बिन।
बताए क्या?
उत्तर: 8
पहेली 09:
मेरा शरीर तो लाल लेकिन मुँह काला है।
सुबह से शाम तक मैं कागज खाता हूं और
शाम को कोई पेट में हाथ डालकर
वह सारे कागज ले जाता है।
उत्तर: 9
पहेली 10:
जितना ज्यादा सेवा करता, उतना घटता जाता हूं।
सभी रंग का नीला-पीला पानी के संग भाता हूं।
उत्तर: 10
पहेली 11:
बोल नहीं पाती हूं मैं, और सुन नहीं पाती।
बिना आंखों के हूं अंधी, पर सबको राह दिखाती।
उत्तर: 11
पहेली 12:
तीन अक्षर का मेरा नाम, बीच कटे तो रिश्ते का नाम।
आखिरी कटे तो सब खाएं, भारत के तीन तरफ दिखाए।
उत्तर: 12
पहेली 13:
शुरू कटे तो कान कहलाऊं, बीच कटे तो मन बहलाऊं।
परिवार को मैं करूं सुरक्षा, बारिश, आंधी, धूप से रक्षा।
उत्तर: 13
पहेली 14:
सोने को वह चीज है, पर बेचे नहीं सुनार।
मोल तो ज्यादा है नहीं, बहुत है उसका भार।
उत्तर: 14
पहेली 15:
नकल उतारे सुनकर वाणी, चुप-चुप सुने सभी की कहानी।
नील गगन है इसको भाए, चलना क्या उड़ना भी आए।
उत्तर: 15
पहेली 16:
राजा-महाराजाओं के ये, कभी बहुत आया काम।
संदेश इसने पहुचाएं, सुबह हो या शाम।
उत्तर: 16
पहेली 17:
आगे ‘प’ है मध्य में भी ‘प’, अंत में इसके ‘ह’ है।
पेड़ों पर रहता है, सुर में कुछ कहता है।
उत्तर: 17
पहेली 18:
देखी रात अनोखी वर्षा, सारा खेत नहाया।
पानी तो पूरा शुद्ध था, पर पी न कोई पाया।
उत्तर: 18
पहेली 19:
करती नहीं यात्रा दो गज, फिर भी दिन भर चलती है।
रसवंती है, नाजुक भी, लेकिन गुफा में रहती है।
उत्तर: 19
पहेली 20:
नहीं सुदर्शन चक्र मगर, मैं चकरी जैसा चलता।
सिर के ऊपर उल्य लटका, फर्श पर नहीं उतरता।