हनुमान स्तुति मंजरी: मंगलवार को सुबह स्नान करने के पश्चात बड़ के पेड़ को प्रणाम करके एक पत्ता तोड़ें उसे घर लाकर साफ-स्वच्छ जल में गंगा जल मिलाकर अच्छे से धो लें। शुद्ध लाल कपड़े से पोंछ कर कुछ समय के लिए हनुमान जी के स्वरूप के समक्ष रखें।
हनुमान स्तुति मंजरी से धन का लाभ देने वाला मंत्र
फिर पेड़ की डंडी अथवा तीली की सहायता से केसर को स्याही के रूप में लेते हुए श्रीराम लिखें। हनुमानजी का पंचोउपचार पूजन करें। गूगल धूप करें शुद्ध घी का दीपक जलाएं, लाल चंदन गंध रूप में अर्पीत करें। पीले फूल चढाएं। आटे व गुड़ से बने हलवे का भोग लगाएं। इसके बाद लाल चंदन की माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप के अंत तक बरगद के पत्ते को हनुमान जी के विग्रह के पास ही रहने दें। जाप पूरा होने के बाद जब लिखा हुआ पत्ता सूख जाए तो इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें।
मंत्र: रत्नोज्ज्वलं विश्व-कर्म-निर्मितं कामगं शुभं।
पश्यन्तं पुष्पकं स्फारनयनं नौमि मारुतिं॥
इस उपाय से आपका पर्स सदा रूपए-पैसे से भरा रहेगा। कभी धन की कमी नहीं होगी। जब पत्ता बहुत ज्यादा सूख जाए तो इस पत्ते को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें और ऊपर बताए गए प्रयोग के द्वारा एक और पत्ता अभिमंत्रित कर अपने पर्स में रख लें। हनुमान जी का यह मंत्र हनुमान स्तुति मंजरी से है तथा मंत्र आत्रेय श्रीबालकृष्ण शास्त्रि द्वारा विरचित है जिसे सुंदरकांड के सर्ग संग्रह से लिया गया है। इस मंत्र के जाप से धन की आवक सदा बनी रहती है।