अब्दाली की लूट - Invasion of Ahmad Shah Abdali

अब्दाली की लूट – Invasion of Ahmad Shah Abdali

उसी रात को एक दुर्घटना हो गई। सं 1757 की सर्दियां थीं। सरहिंद के आसपास सैनिक आग जला कर ठिठुरते हुए ठंडी रात काट रहे थे। एक अलाव के सहारे 4-5 अफगान बैठे हुए बातचीत कर रहे थे। तभी उन में से एक ने देखा कि सामने अंधकार में से दो कालीकाली छायाएं उन की ओर बढ़ती आ रही हैं।

उन्हें देख कर वह घिघिया कर चीख पड़ा, “वह….वह…शीक्ख….शीक्ख….जिन्न….बन के..आ रहा है।”

एक दो पठान ऊंघ रहे थे। उस की चीख सुन कर हड़बड़ा कर उठ बैठे। बोले, “कहां है शीक्ख?”

उस पठान की जबान पर ताले पड़ गए। उस ने अपनी उंगली सामने की और उठा दी। उधर से सचमुच ही दो काली काली भयानक छायाएं उन की और बढ़ती आ रही थीं।

वे भी घबरा कर चीख उठे, “शीक्ख आ गया, शीक्ख आ गया, शीक्ख आ गया…या खुदा! ”

वे सब धरती पर लेट गए। ‘सिख सिख’ की पुकार सुन कर छावनी में तूफ़ान सा मच गया। बंदुके चल गई और अफगान एक दूसरे को सिख समझ कर लड़ मरे। अब्दाली आया। मशालें जलाई गई। तब गलतफहमी दूर हुई। सब बड़े शर्मिंदा हुए। अब्दाली ने ‘सिख सिख’ चिल्लाने वालों को कठोर दंड दिया। जब शिविर में खोज की गई तो दो तीन कुत्ते निकले जो रात को पहरेदारों को नजर बचा कर रोटी की आशा में भीतर आ घुसे थे। डरपोक अफगानों ने उन्हें रात के अंधेरे में दूर से सिख समझ कर शोर मचा दिया था। उन की इस मूर्खता से आठ दस जानें यों ही जाती रहीं। सिख तो उन से बहुत दूर हिमालय की पहाड़ियों में छिप कर मौके की तलाश में बैठे थे।

अब्दाली ने सुबह होते ही कूच का डंका बजा दिया। अब वह पंजाब की धरती पर और ज्यादा देर ठहरने का खतरा नहीं उठा सकता था। अफगान सेना दिल्ली की ओर रवाना हुई।

इन दिनों दिल्ली के तख्त पर आलमगीर द्वितीय बैठा हुआ था। वह अपने बेईमान वजीर इमादउलमुल्क के हाथों की कठपुतली था। वजीर अपना घर भरने में लगा हुआ था। मुगल सेना की ओर किसी का ध्यान ही नहीं था। ऐसी दशा में अब्दाली की तपितपाई फौज का मुगल क्या मुकाबला करते? वजीर इस बात को जानता था और बादशाह भी। सन 1739 में जब नादिरशाह दिल्ली पर हमला करने आगे बढ़ा तो उस समय बादशाह मुहम्मदशाह रंगीले ने काम अपना रंगीलापन कुछ दिन को छोड़ कर फौज सजा कर उसे रोकने के लिए करनाल तक आने का कष्ट तो उठाया ही था – फिर चाहे वह हार गया।उस के बाद तो मुगल बादशाह और उन के वजीर इतने पतित हो गए की वे फौज के नाम पर कुछ सौ सैनिक भी खड़े कर सकने में असमर्थ रहे। सिपाहियों को महीनों से वेतन नहीं मिलता था जबकि वजीर ने सोनेचांदी से अपने कोठे भर लिए थे।

Check Also

28 Years Later: 2025 British post-apocalyptic horror film

28 Years Later: 2025 British post-apocalyptic horror film

Movie Name: 28 Years Later Directed by: Jonathan Entwistle Starring: Jodie Comer, Aaron Taylor-Johnson, Ralph Fiennes, …