बाल की खाल - Hindi Mystery Story on House Theft

बाल की खाल – Hindi Mystery Story on House Theft

Police in Houseराजू ने घर और महल्ले की कमान संभाल ली और बिल्लू और पंकज ने बाहर की राजू ने राजू ने अपने माता पिता को जगा कर सारा हाल बताया और महल्ले वालों को बुला लाया तो बिल्लू और पंकज ने पास के थाने में जा कर खबर कर दी। अब शेष था तो बस कमरे को खोलना।

कमरे के खुलते ही धमाका हो गया। पुलिस इंस्पेकटर ने आगे बढ़ कर जब बल्ब जलाया तो सहसा लोगों को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। उन के सामने कीर्तन मंडली का मुखिया सिर झुकाए खड़ा था।

और इस के बाद तो रहस्य की परतें एकएक कर खुलती चली गई।

पुलिस अधिकारी ने मुखिया को तो थाने भेज दिया और उसी रात उस के सहयोहियों को भी धर दबोचा। अब उन्हें थाने में ला कर उन्होंने दोचार पुलिसिया हाथ दिखाए तो फिर मुखिया और उस की मंडली को सब कुछ उगलते देर नहीं लगी। यह जान उन के आश्चर्य की सीमा न रही कि उन का एक अंतर-राजकीय गिरोह था जो अलग-अलग शहरों में कीर्तन मंडली की आड़ में चोरियां किया करता था।

फिर तो पुलिस अधिकारी ने एक क्षण भी नहीं गंवाया। सुबह होते ही उन सब को साथ उन द्वारा बताई दुकानों पर जा छापा मारा गया, तो केवल मनोहर चाचा के यहां के गहने, बल्कि और भी बहुत सारा ऐसा सोनाचांदी बरामद हुआ जिस का हिसाब दुकानदार के पास नहीं था।

और इस सारी कार्यवाही के बाद राजू जब मनोहर चाचा अपनी मित्र मंडली के साथ वापस उन के घर पहुंचा तो चाचाजी और मोना दीदी पहले से ही स्वागत के लिए दरवाजे पर खड़े थे। राजू ने देखा, उन के चेहरों पर ख़ुशी फूटी पड़ रही थी रही थी।

तभी चाची ने आगे बढ़ कर राजू को अपने सीने से चिपका लिया और बोलीं, “राजू बेटे, बोल तुझे क्या इनाम दूं?”

“इनाम तो मुझे मिल गया चाची,” राजू मोना दीदी की तरफ देखते हुए बोला, “और बाकी भी जल्दी ही मिल जाएगा।”

“क्या मतलब?” चाची ने पूछा।

“मतलब यह कि आधा इनाम तो आप लोगों की ख़ुशी देख कर मिल गया और बाकी का जब अगले महीने मोना दीदी की शादी हो जाएगी तो जीजा जी के रूप में मिल जाएगा।” राजू ने मुसकराते हुए कहा तो सभी लोग उठा कर हंस पड़े और मोना दीदी शरमा कर भीतर भाग गई।

महीनों बाद उन के चेहरों पर तैरती मुसकराहट को देख कर राजू और उस की मित्र मंडली की सारी थकान उड़नछू हो गई। उन्हें लगा जैसे सचमुच बाल की खाल निकालने का इनाम उन्हें मिल गया है।

~ पीयूष वर्मा

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