बेअरिंग की चोरी: हिंदी जासूसी कहानी – पेज 2
“धन्यवाद राकेश, मुझे तुम से यही उम्मीद थी।अब मैं चलता हूं।” कह कर पी.कुमार चले गए।
निर्धारित समय पर राकेश जर्मेक्स बियरिंग कंपनी में श्रीकांत से मिला। उन्होंने उसका भरपूर स्वागत किया। बातों के दौरान राकेश ने पूछा, “आप के बियरिंग गायब कैसे जाते हैं? कृपया पूरी बात सिलसिलेवार बताने का कष्ट करें।”
श्रीकांत ने बताया, “हमारे यहां उत्पादन विभाग में बियरिंग बनने के बाद उन्हें ट्राली में भर कर स्टोर में ले जाया जाता है। वहां बियरिंग गिन कर स्टोर विभाग को सौंप दिए जाते हैं।”
“बना हुआ माल अगले दिन आर्डर के मुताबिक विभिन्न कंपनियों को, स्टोर से निकाल कर भेजा जाता है। आर्डर की परची दिखाने पर स्टोर वाले कर्मचारी वह माल डिस्पैच विभाग को सौंपते हैं। डिस्पैच विभाग से माल आर्डर के अनुसार पेटियों में भर कर फैक्टरी से बाहर जाता है।”
“बियरिंग की चोरी किस स्थान से हो रही है?” राकेश ने पूछा।
“करीब 2 महीने पहले स्टोर विभाग के मैनेजर एस.लाल ने आ कर मुझसे शिकायत की थी कि स्टाफ से 260 बियरिंग गायब हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्टोर में काम करने वाले सभी आदमी ईमानदार एवं पुराने हैं। अतः मैंने उनको सलाह दी कि अपना रजिस्टर चेक करो और बियरिंग स्टोर में ढूंढ़ो।
“मेरी सलाह पर इस कार्य को पूरा करने में उन्हें पूरा एक सप्ताह लग गया। तब पता चला कि उन 7 दिनों के भीतर फिर 40 बियरिंग गायब हो गए। इस समाचार से हम लोगों को आघात लगा। लेकिन उसके बाद 15 दिनों तक बियरिंग गायब नहीं हुए। 15 दिन के बाद फिर से मैंने उनको स्टाफ चेक करने के लिए कहा। चेकिंग के बाद मालूम पड़ा कि 70 बियरिंग फिर से गायब थे। तब तक हमारा धैर्य समाप्त हो चूका था। अतः हमने इसकी रिपोर्ट पुलिस में की।
“पुलिस वाले डंडे लेकर फैक्टरी में घूमते रहे, चीखे चिल्लाए भी। उसके बाद पूछताछ करके स्टोर के 2 आदमियों को पकड़ कर थाने ले गए। थाने में उन्हें मारा पीटा। 3 दिन हवालात में बंद रखा। बाद में बिना किसी लिखापढ़ी के उन लोगों को छोड़ दिया।”
श्रीकांत ने अपनी कहानी जारी रखी, “राकेश, बात इतनी आगे बढ़ जाने के बाद भी चोरी का सिलसिला बंद नहीं हुआ। पिछले दिनों 2 बार स्टाफ रिपोर्ट लेने पर पता चला कि पहली बार 60 और दूसरी बार 50 बियरिंग फिर गायब हो गए। पुलिस वाले हर सप्ताह फैक्टरी में आकर चिखचिल्ला कर हम से अपना खर्चापानी ले जाते हैं। चोरी का पता तो वे लोग लगा नहीं पाते बल्कि हमारे स्टोर के कर्मचारियों से पूछताछ करते रहते हैं। इससे हमारे कर्मचारियों में दहशत बैठ गई है। हमारे कर्मचारी कंपनी प्रबंधकों को जलीकटी सुनाते रहते हैं। वे समझते हैं कि कंपनी प्रबंधक पुलिस साथ साठगांठ करके निर्दोष लोगों की पिटाई कराते हैं। हमारा पुलिस पर अब विश्वास नहीं रहा।
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Bhai Iske Aage Ki story ka kya hua.
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