Hindi Detective Story हिंदी जासूसी कहानी - बेअरिंग की चोरी

बेअरिंग की चोरी: हिंदी जासूसी कहानी

बेअरिंग की चोरी: हिंदी जासूसी कहानी – पेज 5

इसके बाद राकेश ने एस.लाल से कहा, “लाल साहब, जरा मुझे दया राम से मिलवाइए।”

एस.लाल के आदेश पर दया राम उपस्थित हो गया। राकेश ने दया राम से पूछा, “दया रामजी, क्या आप स्टोर की खिड़की और दरवाजे पर ताला स्वयं लगाते हैं?”

“जी हां, मैं शाम को स्वयं ताला लगाता हूं और सुबह 8.00 बजे साहब लोगों की उपस्थिति में ताला खोलता हूं।”

“ताला बंद करने के बाद सील कौन लगाता है?”

“सील तो गोपी कृष्ण जी ही लगाते हैं।”

“छुट्टी के बाद तुम गोपी कृष्ण जी के साथ बाहर जाते हो या उनके बाद देरी से जाते हो?”

“हम लोग साथ साथ ही फैक्टरी गेट से बाहर निकलते हैं और साथ साथ ही घर जाते हैं।”

ऐसा क्यों?”

“हम दोनों एक ही कालोनी में रहते हैं, महेश कालोनी में।”

“आप गोपी कृष्ण के घर भी जाते होंगे। उनके घर का छोटा मोटा काम भी करते होंगे?”

दया राम चुप रहा। उन ने कोई जवाब नहीं दिया।

“अच्छा, यह बताओ खिड़की पर लगने वाले ताले नए हैं या पुराने?”

“दरवाजे का ताला नया है और खिड़की का पुराना।”

“ये ताले किस ने खरीदे थे?”

“दरवाजे का ताला तो मैं ही बाजार से खरीद कर लाया था लेकिन खिड़की का ताला कंपनी का ही है।”

“इस कंपनी में किसी के साथ आप की कोई दुश्मनी तो नहीं है?”

“जी नहीं।”

“अच्छा दया राम, तुम यहां के पुराने कर्मचारी हो इसलिए मुझे तुम पर पूरा भरोसा है। ऐसे ही मेहनत और लगन से काम किया करो,” राकेश ने दया राम की पीठ थपथपाई।

इसके बाद राकेश कंपनी के जनरल मैनेजर की ओर मुड़ा और बोला, “अच्छा श्रीकांतजी, अब मुझे इजाजत दीजिए। इस चोरी का पता लगाना इतना आसान काम नहीं है। मैं आप का यह केस छोड़ रहा हूं। इसे पूरा करना मेरे बूते का काम नहीं हैं। आप अपना एडवांस मेरे दफ्तर से वापस ले लें।”

फिर सब को आश्चर्य में छोड़ कर राकेश वहां से चला गया। किसी को इसकी उम्मीद न थी।

श्रीकांत बड़बड़ाए “अजीब लड़का हैं।”

एस.लाल ने भी आश्चर्य से अपने कंधे उचकाए। शेष कर्मचारी भी आशचर्यचकित होते हुए अपने अपने काम के स्थान पर लौट गए।

कुछ दिन बाद की बात है। रात के 10 बज चुके थे। दिन भर व्यस्त रहने के कारण राकेश थक गया था। वह सोने जा रहा था कि तभी टेलीफोन की घंटी बज उठी।

“इस समय कौन हो सकता है?” राकेश ने फोन को घूरते हुए रिसीवर उठाया, “हैलो।”

“मैं पी.कुमार बोल रहा हूं,” उधर से आवाज आई।

“पहचान लिया कुमार साहब। कहिए, कैसे फोन किया?”

Check Also

The Dolls' Christmas Party: Christmas Story of Dolls in a Toy Store

The Dolls Christmas Party: Viola Roseborough

The Dolls Christmas Party: It was the week before Christmas, and the dolls in the …

3 comments

  1. Private jasoos hu sampark 7499835233

  2. Bhai Iske Aage Ki story ka kya hua.