सड़क के एक छोर पर एक गोदाम था।
जब पुलिस अधिकारी उस गोदाम के करीब पहुंचा तो उसके दरवाजे के पास उसने एक आदमी को देखा। वह आदमी मुंह में बिना जला हुआ सिगार दबाए झुक कर खड़ा था।
पुलिस अधिकारी उसके पास गया तो उस आदमी ने कहा, “मैं यहां अपने एक दोस्त का इंतजार कर रहा हूं। हमने 20 वर्ष पहले यहां मिलने का वादा किया था। आप को मेरी यह बात कुछ अजीब लग रही होगी, लेकिन यह सच है।”
यह कह कर उस आदमी ने दियासलाई की तीली जला कर सिगार सुलगाया। उस जलती हुई तीली के उजाले में पुलिस अधिकारी ने उस आदमी का चेहरा देखा। उसका चेहरा पीला था, आंखों में चमक थी तथा दाहिनी भों के पास एक छोटा सा दाग था। उसके टाईपिन में एक बड़ा सा हीरा कुछ अजीब तरह से जड़ा हुआ था।
उस आदमी ने दोबारा कहना शुरू किया, “20 वर्ष पहले इस गोदाम की जगह ‘बिग जो’ नाम का एक रेस्तोरां हुआ करता था।”
“आज से ठीक 20 वर्ष पहले ऐसी ही रात को मैंने अपने सबसे अच्छे मित्र जिमी के साथ उस रेस्तोरां में खाना खाया था।”
“उस रात हमने निश्चय किया था कि अगली सुबह अगले 20 वर्षों के लिए हम एक दूसरे से अलग हो जाएंगे। इन वर्षों में हम जीवन में कुछ बनने के लिए संघर्ष करेंगे और जो कुछ बन पाएंगे, बनेंगे। ठीक 20 वर्ष बाद इसी समय हम फिर यहीं मिलेंगे, चाहे इसके लिए हमें कितनी ही दूर से क्यों न आना पड़े तथा हमारी कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो।”
यह सुन कर उस पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह तो बड़ी दिलचस्प बात है। वैसे जब से आप जिमी से अलग हुए, क्या उसके बारे में आप को कुछ नहीं पता चला?”
“कुछ समय तक तो हम एक दूसरे को पत्र भेजते रहे, लेकिन यह पत्रव्यवहार केवल एक-ड़ेढ साल तक ही चल सका, उसके बाद बंद हो गया। पर मुझे पूरा विश्वास है कि यदि जिमी जीवित होगा तो मुझ से मिलने जरूर आएगा। मैं एक हजार किलोमीटर दूर से उससे मिलने के लिए यहां आया हूं।”
यह कहने के बाद उस आदमी ने अपनी घड़ी देखी। घड़ी में छोटे छोटे हीरे जड़े हुए थे।
पुलिस अधिकारी ने अपना डंडा घुमाया और वहां से चला गया।
क्या बात है ! amazing story. ..
When I was in 11th standard (2013), I read this story and this story is on of my favorite stories. I read the story again and again and again… ???
वाह क्या कहानी है
kya ye story itni he samjh nahi ayi plz samjhiye