चिंटू का कमाल: स्कूल में गणतंत्र दिवस का आयोजन

चिंटू का कमाल: स्कूल में गणतंत्र दिवस का आयोजन

चिंटू का कमाल: चिंटू के स्कूल में 26 जनवरी की तैयारियां चल रही थीं। इस दिन उसके स्कूल में कई प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम होने वाले थे। उसकी कक्षा में पढ़ने वाले कई बच्चे इस प्रोग्राम में भाग ले रहे थे।

चिंटू क्लास में चुपचाप बैठा था। उसे चुप देखकर आरती मैडम ने पूछा, “क्या बात है चिंटू, तुम इतने खामोश क्यों हो?”

चिंटू कुछ जवाब देता, उससे पहले ही रिंकू बोल पड़ा, “मैडम इसको तो फालतू बातें करा लो… जहां काम की बातें होती हैं तो यह चुप बैठ जाता है।”

उसकी बात सुन कर कक्षा के सभी बच्चे हंसने लगे। चिंटू को रिंकू की यह बात बुरी लगी।

चिंटू का कमाल: स्कूल में गणतंत्र दिवस का आयोजन

“बेटा तुम बहुत अच्छा बोलते हो। तुम्हारी आवाज में वह दम है कि अच्छा खासा भाषण दे सकते हो। मेरा कहना मानो तो मैं तुम पर हंसने वाले बच्चों को बता सकती हूं कि तुम अपनी क्लास के होनहार बच्चे हो!” मैडम ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा।

“जी मैम… आप जैसा कहोगी.. मैं करूंगा।” चिंटू बोला।

आरती मैडम ने उससे कहा, “कल मैं तुम्हारे लिए गणतंत्र दिवस पर एक भाषण तैयार करके लाऊंगी… तुम्हें उसे बोलने की तैयारी करनी है।”

चिंटू ने पूछा, “मैम मैं ये सब कर पाऊंगा क्या?”

“ओरे मुझे तुम पर पूरा भरोसा है बेटा।” मैडम ने उसकी हिम्मत बंधाते हुए कहा।

गणतंत्र दिवस में दो दिन ही बचे थे। आरती मैडम ने उसे जो एक लम्बा-चौड़ा भाषण लिख कर दिया था, वह उसे याद कर रहा था।

भाषण का विषय था ‘भारत में गणतंत्र दिवस का महत्व‘। चिंटू ने बार-बार अभ्यास करके बड़ी अच्छी तरह से कार्यक्रम से एक दिन पहले सुना भी दिया। आरती मैम ने थोड़ा और सुधार कर दिया।

आज सुबह से ही गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों की तैयारियां हो रही थीं । सभी बच्चे साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी कर रहे थे।

ठीक 9 बजे ध्वाजारोहण होना था। मुख्यातिथि के तौर पर शिक्षा अधिकारी जी व अन्य गणमान्य लोग आने वाले थे।

सारे बच्चे अनुशासन में बैठे थे। जैसे ही मुख्यातिधि महोदय आए तो सभी ने अपने स्थान पर खड़े होकर उनका अभिनंदन किया । ठीक 9 बजे झंडारोहण किया गया।

सभी ने बैंड की धुन पर राष्ट्रगान गाया। चिंटू थोड़ा घबराया-सा था, किंतु आरती मैम को देखकर उसमें नई ऊर्जा आ गई। सबसे पहले विद्यालय प्रांगण में परेड का आयोजन हुआ। फिर देशभक्ति के गीतों पर सामूहिक और एकल नृत्य पेश किए गए । रंगारंग कार्यक्रम देखकर आए हुए अतिथि और बच्चों के माता-पिता तालियां बजा रहे थे।

कार्यक्रम की संचालक मैडम ने आवाज दी, “अब आपके सामने आ रहे हैं कक्षा 8 में पढ़ने वाले छात्र चिंटू… जो आपके सामने हमारे गणतंत्र दिवस की महत्ता पर भाषण प्रस्तुत करेंगे। जोरदार तालियां बजाकर इसका हौसला बढ़ाएं।”

सारा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। चिंटू ने बिना कोई कागज हाथ में लिए अपना भाषण शुरू किया ।

उसका संबोधन सुन कर अतिथियों ने उसकी प्रशंसा की। भाषण इतना ओजस्वी था कि सबके रोम-रोम खड़े हो गए। उसकी धारा-प्रवाह शैली को सुनकर उसके अन्य अध्यापक भी बड़े खुश हुए। रिंकू और उसकी क्लास के अन्य बच्चे भी चिंटू की इस उपलब्धि पर आश्चर्य करने लगे।

जैसे ही भाषण खत्म हुआ, प्रधानाचार्य ने उसे सीने से लगा लिया। जिला शिक्षा अधिकारी जी ने तो उसे पांच सौ रुपए का नकद ईनाम दिया।

सारे स्कूल में चिंटू के भाषण के ही चर्चे थे। इस बार का 26 जनवरी का पावन दिवस चिंटू के लिए नई पहचान लेकर आया था।

चिंटू ने दौड़कर आरती मैम के पैर छुए। उसकी आंखों में खुशी के आंसू थे। मैम भी भावुक हो गई।

वह बोली, “चिंटू तुमने मेरी इज्जत ही नहीं रखी, बल्कि उन बच्चों को भी बता दिया कि हर बोलने वाले बच्चे में भी कोई न कोई प्रतिभा होती है। तुम्हारी उस प्रतिभा को मैंने पहचान लिया था।”

अपने चिंटू पर उसके माता-पिता को भी बड़ा अभिमान था। कक्षा के सारे बच्चे अब उसके अच्छे दोस्त बन गए थे। रिंकू ने उसका मजाक उड़ाने पर चिंटू से सॉरी कहा।

इस बार की 26 जनवरी का अवार्ड भी चिंटू को दिया गया।

~ ‘चिंटू का कमाल‘ hindi story by ‘गोविंद भारद्वाज‘, अजमेर

Check Also

World Thalassemia Day Information For Students

World Thalassemia Day: Date, History, Celebration & Theme

World Thalassemia Day is celebrated every year on 8th of May to increase the awareness …