Heart Touching Story of A Teacher and A Student गुरु दक्षिणा

गुरु दक्षिणा – डॉ. मंजरी शुक्ला

दूसरे ही दिन शर्मा जी को कालेज में पता चला कि जिस छात्र के सबसे ज्यादा अंक आए हैं, उसे वहीं पर संविदा नियुक्ति के तहत अध्यापक रख लिया जाएगा और अगर बाद में कोई संशोधन हुआ तो उसकी नौकरी पक्की भी हो सकती हैं।

बस इतना सुनना था कि शर्मा जी को जैसे नाग ने डस लिया। अब घास फूस उठाने वाली लड़की मास्टरनी बनेगी और उनका लड़का… क्या होगा धीरज का… ये सोच सोच कर उनके कलेजे पर साँप लौटने लगते। जिस दिन नियुक्ति होनी थी उसके एक दिन पहले रात के समय धीरज उनसे बहुत ही दुखी स्वर में बोला – “सुरभि की तबियत बहुत ज्यादा खराब हैं। बुखार के साथ उसे उल्टियाँ भी हो रही हैं तो उसने दीनू काका से कहलवाया हैं कि कल वो कालेज नहीं जा पाएगी।”

शर्मा जी जो कि सुबह से गुमसुम पड़े हुए थे, इतना जोर से उचककर जमीन पर बैठे जैसे बिजली का नंगा तार उन्हें छू गया हो।

ऐसा लगा जैसे उनकी सारी पूजा पाठ आज सफ़ल हो गए। माँ दुर्गा की ऐसी अप्रत्याशित कृपा की तो उन्होंने परिकल्पना भी नहीं की थी। वे धीरे से बोले – “पूजा पाठ सच ही हैं बेटा, कभी व्यर्थ नहीं जाती।”

धीरज अस्पष्ट स्वर ही सुन पाया इसलिए उसने दुबारा पूछा – “क्या कह रहे हैं पापा।”

“अरे, मैं तो यह कह रहा हूँ कि भगवान हैं ना वो उसे ठीक कर देंगे। तू परेशान मत हो।”

और यह कहकर वो सालों बाद अपनी पत्नी को छेड़ते हुए बोले – “मेरे घर की अन्नपूर्णा, जरा मुझ भूखे को भी कुछ प्रसाद दे दो।”

पत्नी का मन इतने प्रेम भरे शब्दों से गद्गद हो गया। उसके कान सालों से तरस गए उनसे प्यार भरे दो बोल सुनने के लिए।

उसने सोचा कि पूछे – आखिर चंद मिनटों में ही ऐसा क्या हो गया कि उनकी तंदरूस्ती और मज़ाकिया अंदाज़ लौट आया पर वो जैसे कमरे की हर वस्तु को मुस्कुराते देख प्रफुल्लित हो रही थी इसलिए सिर्फ मुस्कुरा दी।

शर्मा जी ने आज बरसों बाद पेट भर कर खाना खाया था। वो जानते थे कि सुरभि के बीमार पड़ने के कारण उसके बाद वाले विद्यार्थी का चयन किया जाएगा जो नियमानुसार धीरज था। बस यही सोचकर उनके चेहरे की मुस्कराहट जैसे थमने का नाम ही नहीं ले रही थी। आधी रात के भयानक सन्नाटों में भी उनके कानों में जैसे शहनाइयाँ गूँज रही थी।”

ऐसी रात हैं जो लग रहा हैं, कभी कटेगी ही नहीं… वह धीरे से बुदबुदाये…। पर सूरज को तो अपने समय से ही आना था तो वो नीले आसमान पर अपनी लालिमा बिखेरते आ ही गया। शर्मा जी ने फटाफट धीरज को कालेज भेजा और उसके बाद इत्मीनान से दीनू के घर की ओर कुटिल मुस्कान के साथ चल पड़े। वो सुरभि को कालेज में नौकरी ना कर पाने के दुःख में रोता बिलखता देखना चाहते थे।

Check Also

Hisaab Barabar: Hindi Comedy Thriller Film, Trailer, Review

Hisaab Barabar: 2025 Hindi Comedy Thriller Film, Trailer, Review

Movie Name: Hisaab Barabar Directed by: Ashwani Dhir Starring: R. Madhavan, Neil Nitin Mukesh, Kirti …