Hasya Vyangya about Poor Grafters बेचारे रिश्वतखोर

बेचारे रिश्वतखोर: Hasya Vyangya about Poor Grafters

मौजूदा दौर रिश्वतखोर बिरादरी के माफिक नहीं चल रहा है इसलिए समस्त रिश्वतबाजों को इस लेख के माध्यम से आगाह कर रहा हूं कि आपके ग्रह उलटी दिशा में चल रहे हैं। आप पर शनि महाराज की वक्र दृष्टि पड़ रही है अतः रिश्वत लेते वक़्त आपको पसीने छूट रहे होंगे कि कहीं कोई सूक्ष्म कैमरा स्टिंग आप्रेशन में तो नहीं लगा है लेकिन यह कमबख्त  व्यवस्था ही ऐसी है कि इसमें बिना रिश्वत लिए या बिना रिश्वत दिए जिंदा रहना ही मुश्किल है इसलिए रिश्वत लेते वक़्त आपको अतिरिक़्त सावधानी बरतने कि जरूरत है।

बेचारे रिश्वतखोर

अगर भारत में सबसे ज्यादा उपेक्षित, सबसे ज्यादा पीड़ित और सर्वाधिक शोषित कोई वर्ग है तो वह रिश्वतखोर वर्ग ही है, वह भी तब जब यह वर्ग बहुसंख्यक होते हुए भी निराश्रित है।

कारण क्या है कि रिश्वतखोर बंधुओं का कोई राष्ट्रीय तो क्या क्षेत्रीय संगठन भी नहीं जो उनकी बेहतरी के लिए आवाज उठाए जैसे मजदूर संघ, व्यापारियों के व्यापार संघ, किसानों के किसान संघ लेकिन यह आप लोगों का दुर्भाग्य ही है कि जो साथी रिश्वत के इस धंधे में बराबर आपके सहभागी हैं वही पकड़े जाने पर आपको इस तरह अकेला छोड़ सीट को देख-देख कर कुढ़ता है कि कब मौका मिले और उसकी जगह पर मैं पहुंचूं।

बस यह आपसी जलन ही इस वर्ग की बदनसीबी है और इसी का फायदा ये मीडिया वाले उठा रहे हैं। अतः भाइयो इस जलन को अपने दल से निकाल दो। भगवान पर भरोसा रखो। आज नहीं तो कल इस मलाईदार सीट अपने शिष्य को मुक़्ति का मार्ग नहीं बताता। क्या इन्हें प्रतिबंधित करना संभव है? यदि नहीं तो सारी गाज कर्मचारियों की रिश्वतखोर बिरादरी पर ही क्यों गिरती है?

यह सब तब हो रहा है जब सारी की सारी व्यवस्था ही इसी रिश्वत की मजबूत नींव पर खड़ी है। क्या बिना रिश्वत के शासन और प्रशासन में कहीं पत्ता भी हिल सकता है? यह सारे विकास के नजारे यह प्रगति की भूल-भूलैयां, सब इसी रिश्व्त की ही बदौलत तो हैं। अब तो दिल के सौदे भी बिना रिश्वत के नहीं होते। प्रेमी-प्रेमिका को पटाने के चक्कर में कुछ खर्च करता है तब कहीं मामला फिक्स होता है।

इसीलिए दुनिया के समस्त रिश्वतखोर बंधुओ, अब भी होश में आ जाओ। एक झंडे के नीचे आ जाओ और ताल ठोक कर कहो कि रिश्वत लेना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, इसीलिए रिश्व्त को हमारा मौलिक अधिकारों में शामिल किया जाए। क्योंकि रिश्वत है तो जीवन है और जान है तो जहान है।

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