Hindi Story of a Brave Boy who's afraid of Dark साहसी राहुल

Hindi Story of a Brave Boy who’s afraid of Dark साहसी राहुल

राहुल दस साल का एक बहुत ही प्यारा सा बच्चा था। उसे सब बहुत प्यार करते थे पर उसमें एक बहुत खराब आदत थी कि वह अँधेरे से बहुत डरता था। इस डर के कारण वो ना तो रात में देर तक जागकर पढ़ पाता और ना ही अपनी मम्मी का हाथ पकड़े बिना कमरे से बाहर जाता। इस वजह से उसके घर में सब लोग बहुत परेशान रहते थे। दिन भर तो वो बहुत मस्ती करता और उछल-कूद मचाता पर जैसे ही रात होती तो बत्ती बंद होने पर वो थर थर काँपने लगता।

उसके डर की वजह उसकी चाची थी जो बचपन में उसे जल्दी सुलाने के लिए तरह-तरह के मन से बनाये हुए डरावने किस्से सुनाती रहती थी। शुरू में तो राहुल को भी इन अजीबोगरीब किस्सों को सुनने में बड़ा मज़ा आता था पर धीरे-धीरे उसके मन में डर बैठ गया और अब वो चाची की भी बात मानने के लिए तैयार नहीं होता था कि भूत अँधेरे में नहीं आते है क्योंकि ये सब होते ही नहीं है। अब बेचारी चाची भी बहुत दुखी होती थी कि उनके कारण ही राहुल इतना डरपोक हो गया था।

इसी तरह से कई दिन बीत गए और राहुल का डर कम होने के बजाय बढ़ता ही गया। एक रात बहुत बरसात हो रही थी और घर में सबको शादी में जाना पड़ा था। बस राहुल ही चाची के साथ घर पर था और खाना खा रहा था। अचानक बिजली चमकने के साथ ही बत्ती गुल हो गई। बेचारे राहुल के हाथ से डर के मारे चम्मच छूट गया। यह देखकर उसकी चाची बड़े ही प्यार से बोली – “तुम बिलकुल मत डरो। मैं अभी मोमबत्ती लेकर आती हूँ।”

और यह कहकर वह जैसे ही अँधेरे में हाथों से टटोल कर आगे बढ़ी कि जमीन पर पानी होने कि वजह से फिसल कर गिर पड़ी। जब तक वह संभल पाती उनका सर मेज के नुकीले कोने से टकराया और माथे से खून निकलने लगा। चाची जोर जोर से रोते हुए राहुल को बुलाने लगी। राहुल जो अब तक अँधेरे में डर के मारे पत्थर का बुत बना बैठा हुआ था चाची के पास दौड़ा। बिजली चमकने पर उसने देखा कि चाची के माथे से बहुत खून बह रहा है।

वह हवा की गति से घर के सामने रहने वाले डाक्टर अंकल को बुलाने के लिए दौड़ा। बरसात में वह रह -रह कर फिसल रहा था, पर उसकी आँखों के सामने सिर्फ चाची का खून भरा माथा घूम रहा था। अँधेरे में जब रह-रह कर बिजली गरज रही थी और कुत्ते भौंक रहे थे तो डर के मारे उसके माथे पर पसीना छलछला जाता था। पर वो बिना रुके दौड़ता ही रहा और सामने की गली पार करके डाक्टर अंकल के यहाँ पहुँच गया।

डाक्टर अंकल ने जैसे ही उसकी बात सुनी वो तुरंत अपना फर्स्ट एड बॉक्स और जरुरी दवाइयाँ लेकर उसके साथ झट से चल पड़े। जब वे दोनों घर पहुँचे, तब तक लाईट आ चुकी थी और चाची जमीन पर ही पड़ी हुई दर्द से कराह रही थी। डाक्टर अंकल ने उन्हें सहारा देकर बिस्तर पर लेटाया और तुरंत उनके माथे से बहते खून को पोंछकर उनकी मरहम पट्टी की। तब तक घर के सभी सदस्य भी शादी से लौटकर आ चुके थे। सब की आँखों में घबराहट और चिंता के भाव देखते ही डाक्टर अंकल मुस्कुराकर बोले – “जिस घर में राहुल जैसा हिम्मती और समझदार बच्चा हो वहाँ किसी को कभी भी कोई चिंता करने की जरुरत ही नहीं हैं। देखिये, उसने कितनी हिम्मत और बहादुरी से सब कुछ संभाल लिया।”

और यह कहते हुए डाक्टर अंकल ने बड़े ही प्यार से उसकी पीठ थपथपाई।

मम्मी ने तो सारी बातें सुनकर राहुल को गले से लगा लिया और ख़ुशी के मारे रोने लगी। उस दिन से तो राहुल सबका हीरो बन गया। और हाँ चाची ने अपने मन में पर्ण कर लिया कि अब वो किसी भी बच्चे को कभी भी झूठी और डरावनी कहानियाँ ना सुनाकर उसका आत्मबल और मनोबल बढ़ाने ज्ञानवर्धक कहानियाँ सुनाएंगी।

~ डॉ. मंजरी शुक्ला

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