Motivational Hindi Story about Changing Yourself स्वयं को बदलो

Motivational Hindi Story about Changing Yourself स्वयं को बदलो

एक कंपनी के कर्मचारी एक दिन कार्यालय पहुंचे। उन्हें गेट पर ही एक बड़ा-सा नोटिस लगा मिला, जिस पर लिखा था, “इस कंपनी में जो व्यक्ति आपको आगे बढ़ने से रोक रहा था, कल उसकी मृत्यु हो गई है। हम आपको उसे आखिरी बार देखने का मौका दे रहे हैं, कृप्या बारी-बारी से मीटिंग हॉल में जाएं और उसे देखने का कष्ट करें।”

जो भी नोटिस पढ़ता उसे पहले तो दुख होता फिर बाद में जिज्ञासा हो जाती थी कि आखिर वह कौन था, जिसने उसकी तरक्की रोक रखी थी? देखते-देखते हॉल के बाहर काफी भीड़ एकत्र हो गई।गार्ड उन्हें एक-एक करके अंदर जाने दे रहा था। बाहर खड़े लोग देख रहे थे कि जो भी अंदर से वापस आ रहा है, वह काफी उदास और दुखी है। मानो उसके किसी निकटवर्ती की मृत्यु हुई हो।

इस बार अंदर जाने की बारी एक पुराने कर्मचारी की थी, उसे सब जानते थे। सबको पता था कि उसे हर एक चीज से शिकायत रहती है, कंपनी से, बॉस से, सहकर्मियों से, वेतन से, हर एक चीज से। पर आज वह थोड़ा खुश लग रहा था। उसे लगा कि चलो, जिसकी वजह से उसके जीवन में इतनी समस्याएं थीं, वह गुजर गया।

अपनी बारी आते ही वह तेजी से हॉल के अंदर रखे ताबूत के पास पहुंचा और उचक कर अंदर देखने लगा। यह क्या? ताबूत के अंदर कोई शरीर नहीं रखा था, बल्कि एक बड़ा-सा शीशा रखा हुआ था। उसे क्रोध आया। वह चिल्लाने को हुआ तभी उसकी नजर दर्पण के बगल में लिखे संदेश पर पड़ी, “इस दुनिया में केवल एक ही व्यक्ति है जो आपकी तरक्की रोक सकता है और वह आप खुद हैं। इस पुरे संसार में आप ही अकेले व्यक्ति हैं, जो अपनी जिंदगी में क्रांति ला सकते हैं।”

यह सच है कि आपकी जिंदगी तब नहीं बदलती, जब आपका बॉस बदलता है, जब आपके दोस्त बदलते हैं, जब आपके पार्टनर बदलते हैं या जब आपकी कंपनी बदलती है। जिंदगी तब बदलती है, जब आप बदलते हैं, जब आप इस बात को स्वीकर करते हैं कि अपनी जिंदगी के लिए सिर्फ और सिर्फ आप जिम्मेदार हैं।

~ संकलन: संतोष चतुर्वेदी

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