नन्ही - Heart Touching Hindi Story of Little Spider

नन्ही – Heart Touching Hindi Story of Little Spider

बेबी मकड़ी नन्ही माँ के साथ दीवार पर बढ़ी जा रही थी। चढ़ते- चढ़ते नन्ही थक गई। वह माँ से बोली – “अब माँ, तुम यही पर जाला बना लो ना… मुझसे और चढ़ा नहीं जा रहा हैं। देखो मेरे नन्हे नन्हे पैर थक कितना गए हैं।” यह सुनकर माँ उसके भोलेपन पर हंस पड़ी और वहीँ पर जाला बनाने लगी।

तभी उसी घर में रहने वाला बच्चा मुन्नू अपने छोटे भाई के साथ खेलते हुए आया।

अचानक मुन्नू की नज़र दीवार की ओर पड़ी और वो चीखा – “अरे, कल सारी रात मम्मी ने इतनी मेहनत से घर साफ़ किया था ताकि आज मेरे जन्मदिन पर मेरे दोस्त मेरा साफ़ सुथरा घर देखकर खुश हो जाए”।

छोटा भाई भला कैसे पीछे रहता। वह भी मुन्नू की हाँ में हाँ मिलाते हुए, अपने नन्हें हाथ नाचते हुए बोला – “और जरा देखो तो, यहाँ इत्ता बड़ा जाला बन जाएगा तो कितना खराब लगेगा। चलो भैया हम मकड़ियों को भगाकर इस जाले को हटा देते हैं”।

मुन्नू बोला – “नहीं ,नहीं , रहने दो, मैं नहीं चाहता कि मेरे जन्मदिन पर मैं उस नन्ही मकड़ी को तंग करू जो अपनी माँ के साथ बैठी है”।

अपने लिए इतने प्यार भरे शब्द सुनकर नन्ही के ख़ुशी के मारे आँसूं आ गए।

वह माँ से बोली – “माँ, मेरे पैर थके नहीं है। हम अपना जाला घर के बाहर बनायेंगे।”

माँ ने मुस्कुराकर उसे प्यार भरी नज़रों से देखा और उसे लेकर खिड़की से निकल गई। मुन्नू ख़ुशी से ताली बजा रहा था कि अब वो उस जगह पर ढेर सारे गुब्बारे लगा सकेगा।

नन्ही मकड़ी धीरे से बोली – “जन्मदिन बहुत-बहुत मुबारक हो मुन्नू…

~ मंजरी शुक्ला

आपको श्रीमती मंजरी शुक्ला जी की यह बाल-कहानी “नन्ही” कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

Kaila Devi Mela

Kaila Devi Mela: Karauli, Rajasthan – Date, Rituals, How To Reach

Kaila Devi Mela: The shrine of Kaila Devi is famous for the fair held here …