न्यू इअर रिज़ोल्यूशन Children's Story about New Year Resolution

न्यू ईयर रिजोल्यूशन: मंजरी शुक्ला

सुना है, इस बार नए साल पर सागर की मम्मी ने उसे एक जादुई मेज लाकर दी है – बिन्नी बोली।

क्या कह रही हो, जादुई मेज – अमित बोला।

और क्या देखा नहीं, उस मेज के आने के बाद से अब सागर कितना बदल गया है?

हाँ… वो तो है… पढ़ाकू राम बन गया है अपना सागर तो… नेहा ने फुसफुसाकर कहा।

सबसे कहता है कि मेज के कारण ही पहली बार उसका “न्यू ईयर रिजोल्यूशन” पूरा हुआ है।

कौन सा? आदित्य ने उत्सुकता से पूछा।

अरे, जो हम सबका आज तक पूरा नहीं हो सका, होमवर्क का” – नेहा दुखी होते हुए बोली।

मुझे तो रंग भी पता है उस मेज का – नेहा इतराते हुए बोली।

हमें भी बताओ – ईशू लगभग हाँफते हुआ बोला।

लाल रंग की है वो मेज – नेहा के बोलने से पहले ही निखिल तुरंत बोला।

लाल नहीँ पीले रंग की है – मिहिर ने डेस्क पर जोर से हाथ मारते हुए कहा।

चलो, शर्त लगा ले। मैंने सुना है लाल रंग की है, इतनी लाल कि अगर सांड देखे तो दस मील दौड़ा ले।

निखिल ने पूरे आत्मविश्वास से कहा।

ये सुनते ही सभी बच्चे जोरोँ से हँस पड़े।

चल उसी से पूछ लेते हैँ ना – संदीप सागर की तरफ़ देखते हुए बोला।

हाँ… हाँ… कहते हुए सभी सागर की डेस्क के पास जाकर खड़े हो गए।

क्या हुआ? – सागर ने सभी को अपनी ओर घूमता पाकर आश्चर्य से पूछा।

नए साल की शुरुआत में ही तूने कमाल कर दिया सागर – ईशू ने सागर से मुस्कुराते हुए कहा।

समझा नहीं मैं कुछ – सागर अचकचा कर बोला।

वो तूने जो अनोखी और जादुई मेज खरीदी है ना, जिसके आने के बाद से तू अब पढ़ाई के बारे में तेरी मम्मी से झूठ नहीं बोल सकता।

पर तुम सब को कैसे पता चला? – सागर ने आश्चर्य से पूछा।

जब तूने मुझे उस अनोखी मेज के बारे मेँ बताया तो मैं खुद को रोक नहीँ सका और मैंने इन सब को भी बता दिया – स्वप्निल ने धीरे से कहा।

अरे कोई बात नहीं, अच्छा किया। तुम सब तो देख ही रहे हो, मेरे कितने अच्छे नंबर आने लगे हैं – सागर ने मुस्कुराते हुए कहा।

हाँ और अब तुम पहले की तरह होमवर्क नहीं करने के कारण रोज मुर्गा भी नहीं बनते – आयशा हँसते हुए बोली।

सागर ये सुनकर झेंप गया और उसने धीरे से कहा – सही कह रही हो और पता है यह सब मेरी उस जादुई मेज के कारण ही हुआ है।

वही  तो… पर कैसे? यही तो हम सब जानना चाहते हैं – निखिल ने सागर को देखकर मुस्कुराते हुए कहा।

ठीक है, कल संडे भी है तो तुम सब शाम को 4 बजे मेरे घर आ जाना और देख लेना – सागर ने हँसते हुए कहा।

हाँ ज़रूर और इस भोंदू नीलेश को तो जरुर लेकर आयेंगे, जब देखो तब इसे मुर्गा बनना पड़ता है। अब तो यह टीचर की तरफ देखते ही खुद ही मुर्गा बन जाता है, टीनू ताली बजा कर हँसता हुआ बोला।

नीलेश गुस्से से चिल्लाया – तो क्या करुँ जानबूझकर नहीं छोड़ता बल्कि भूल जाता हूँ।

अच्छा अब तुम सब लड़ना बंद करो और चुप हो जाओ। देखो, बाहर से सिन्हा सर आते दिखाई दे रहे हैं।

ज़मीन पर देखकर चलने वाले सिन्हा सर हमेशा की तरह कनखियों से इधर उधर देख रहे थे, कि कोई भी बच्चा क्लास के बाहर दिखे और उसे मुर्गा बना दे।

उन्हें देखते ही सब कपूर की भांति हवा में इधर उधर उड़कर अपनी जगह पर बैठ गए।

पर आज तो सभी बच्चों को गणित की कक्षा मेँ आयत और चतुर्भुज में भी लाल मेज ही नज़र आ रही थी।

Check Also

World Thalassemia Day Information For Students

World Thalassemia Day: Date, History, Celebration & Theme

World Thalassemia Day is celebrated every year on 8th of May to increase the awareness …