प्रायश्चित Heart-rending Story of Repentance

प्रायश्चित Heart-rending Story of Repentance

कुछ ही देर बाद, अंदर से एक धानी रंग की सूती साड़ी पहने हुए एक अधेड़ उम्र की महिला आई। ना जाने उनके चेहरे पर ऐसा कौन सा अनोखा तेज था कि मैं तुरंत आदर सहित खड़ा हो गया। सिर पर पल्लू लिए, वह मुस्कुराते हुए बोली – “बेटा, पानी पी लो।”

“सिर्फ़ पानी क्या होता है, वह खाना खाकर जाएगा, बेटा ये तुम्हारी आँटी है।” अँकल तुरंत बोले।

यह सुनकर आँटी ने अंकल की तरफ़ कुछ गौर से देखा, परंतु अँकल ने हँसते हुए उनसे कहा – “जो भी बना है ले आओ, अब पहले से थोड़े ही ना पता था कि मेहमान आ रहे हैं, वरना और बढ़िया पकवान बना कर रखते।”

मैं मना करने ही वाला था पर उससे पहले ही मेरे सिर में अचानक बहुत तेज़ दर्द होने लगा। मुझे याद आया कि पचास लाख के लालच के चक्कर में, मैंने सुबह से चाय तक नहीं पी थी।

तभी आँटी बोली – “बेटा, अपने जूते उतार दो और अंदर चलकर हाथ मुँह धो लो।”

मैंने एक कोने में जैसे ही जूते उतारे, अँकल ने तुरंत मुझे अपने पैरो में पहनी हुई चप्पल उतार कर दे दी। उनकी सादगी और निश्छलता देखकर मेरा मन भर आया।

खाने में सिर्फ़ उबली हुई सादी खिचड़ी थी। पर भूख के मारे मैंने उसे फटाफट खा ली। आँटी हम दोनों से बातें कर रही थी। मैंने आँटी से कहा – “आप भी खा लेती हमारे साथ।”

पर आँटी कुछ नहीं बोली ओर सिर्फ़ मुस्कुरा दी।

जब मैँ हाथ धोने के लिए अंदर आँगन में गया तो मैंने उन दोनों की नज़रें बचाकर तुरंत ढके हुए बर्तनों की प्लेट हटाकर देखा, कि कहीं ये दोनों मुझे खिचड़ी खिलाकर अपने लिए कुछ बढ़िया खाना बनाकर तो नहीं रखे है। पर सभी खाली बर्तन जैसे मुझे मुँह चिढ़ा रहे थे। मतलब आँटी मेरे कारण भूखी रह गई।

माँ के मरने के बाद, पहली बार किसी ने अपने हिस्से का खाना मुझे खिलाया था। मुझे बहुत जोरो से रोना आ रहा था ओर साथ ही माँ कि याद भी। अचानक ही मेरा सिर दर्द बहुत तेज हो गया और अँकल को आवाज़ लगाने से पहले ही मैं वहीँ गिर पड़ा और बेहोश हो गया।

जब होश आया तो मेरे बगल में, गले में आला डाले हुए डॉक्टर, अँकल और आँटी बैठे हुए थे। आँटी मेरे पैरों के तलवों पर कुछ मल रही थी और अँकल हाथ वाला पंखा झल रहे थे।

मुझे आँख खोलते देख डॉक्टर बोला – “तेज धूप के कारण इनको लू लग गई है, इसी वजह से तेज बुखार के साथ ये बेहोश हो गए थे।”

फ़िर मेरी ओर देखते हुए कहने लगे – “बरखुरदार जवानी के जोश में खाली पेट, तेज धूप में घूमना अक्लमंदी नहीं है।”

मैं उनकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया।

आँटी जिस तरह हैरान परेशान होकर मेरे पैरो पर प्याज का रस मल रही थी, मुझे मेरी माँ एक बार फ़िर याद आ गई।

अँकल मेरे सिर पर हाथ फेरते हुए बोले – “ये दवाई खा कर आराम करो। अब इस भरी दोपहरी में तुम्हें कहीं नहीं जाने दूँगा। तुम शाम को ही जाना।”
उनकी प्यार भरी डाँट सुनकर, मेरी आँखों के कोरो से आँसूं बह निकले और मैंने मुँह दूसरी तरफ़ कर लिया।

डॉक्टर के जाने के बाद मैंने आँटी के हाथों से दवा ली और अचानक ही मेरी नज़र उनके पैरों पर पड़ी।

पैरों में एक भी बिछिया नहीं थी।

मैंने तुरंत पूछा – ” आँटी..आपकी बिछिया कहाँ गई?”

आँटी सकपका गई और अँकल की तरफ़ देखने लगी।

अँकल हँसते हुए बोले – “इसने उतारकर रख दी।”

सालों से वकालत के पेशे में रहते हुए झूठ और सच मैं बहुत अच्छी तरह पहचानता था।

मैंने थूक निगलते हुए पूछा – “डॉक्टर की फ़ीस और दवा…”

आँटी ने ये सुनते ही सिर नीचे कर लिया और अँकल चुपचाप पँखा झलने लगे।

मैं खुद को रोक नहीं सका और अँकल के सीने से लगकर फूट-फूट कर रो पड़ा।

अँकल की आँखों से भी आँसूं बह निकले।

आँटी भर्राए गले से बोली – “जब से तुमको देखा है, ऐसा लग रहा है, मेरा मनु ही लौट आया।”

मैंने संयत होते हुए पूछा – “कौन मनु?”

“हमारा इकलौता बेटा था। कई साल पहले हमसे रूठकर भगवान के पास चला गया।”

उन दोनों के उदास चहरे और पनियल आँखें देखने के बाद मैं आगे कुछ नहीं पूछ सका।

Check Also

The Phoenician Scheme: 2025 Espionage Black Comedy Film, Trailer

The Phoenician Scheme: 2025 Espionage Black Comedy Film

Movie Name: The Phoenician Scheme Directed by: Wes Anderson Starring: Benicio del Toro, Mia Threapleton, …