अपनी भाषा का सम्मान: मातृभाषा से अपना आत्म सम्मान व आत्मविश्वास बढ़ाएं

अपनी भाषा का सम्मान: मातृभाषा से अपना आत्म सम्मान व आत्मविश्वास बढ़ाएं

अपनी भाषा का सम्मान‘ एक हिंदी बाल-कहानी जो सिखाती हैं की हमें अपनी मातृभाषा को खुल कर उपयोग करना चाहिए और उसे बोलने में झिझकना नहीं चाहिए।

चीनू स्कूल से घर लौटा तो उसके पापा मोबाइल पर किसी से बात कर रहे थे और चीनू का जिक्र भी कर रहे थे। चीनू ने अपना बस्ता एक ओर रखा व पापा की बातें ध्यान से सुनने लगा। उसके पापा ने जैसे ही बात करने के उपरांत मोबाइल टेबल पर रखा, चीनू ने झट से पूछा, “पापा, आप मेरे बारे में किससे बात कर रहे थे?”

अपनी भाषा का सम्मान: हरिंदर सिंह गोगना

“बेटा, मेरे एक पुराने मित्र हैं, जो विदेश से वर्षों उपरांत कल अपने देश लौट रहे हैं और बह कुछ दिन हमारे यहां रहना चाहते हैं। उनका बेटा भी साथ है जिस का नाम हैरी है और जो तुम्हारी ही उम्र का है।”

चीनू सोचने लगा कि वह पापा के दोस्त के बेटे हैरी के साथ खूब मौज-मस्ती करेगा लेकिन फिर उसके दिमाग में एक ख्याल आया, जिससे वह कुछ उदास हो गया। सोच रहा था कि हैरी तो विदेश में रह कर अंग्रेजी भाषा में ही बात करता होगा।

लेकिन उसकी अंग्रेजी बहुत कमजोर है। अगर वह हैरी के सामने अंग्रेजी नहीं बोल सका अथवा समझ न पाया तो, यह बहुत अपमानजनक बात होगी।

फिर उसने सोचा कि वह जो भी बोलेगा नाप-तोल कर ही बोलेगा व हैरी की बातों का जवाब देगा ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। फिर अगले दिन दोपहर को उसके पापा के दोस्त और उनका बेटा हैरी के घर पहुंच गए।

“हैलो, हाऊ आर यू? जैसे ही चीनू ने हैरी के साथ हाथ मिला कर उसका हाल पूछ, हैरी ने मुस्कुरा कर सहजता से जवाब दिया, “मैं ठीक हूं।”

चीनू को आश्चर्य हुआ। वह तो समझ रहा था कि विदेश में रहते हुए हैरी को बात-बात पर अंग्रेजी मेंबोलने की आदत होगी, लेकिन वह तो शुद्ध हिंदी भाषा में जवाब दे रहा था।

दोपहर का खाना खाने के बाद चीनू हैरी को अपने कमरे में ले गया और दोनों कैरम बोर्ड खेलने लगे।

चीनू ने हैरी से मन की बात पूछ ही ली, “हैरी, एक बात बताओ तो… ?”

“हां-हां, पूछो-पूछो।” हैरी ने कैरम बोर्ड की रानी गोटी छेद में डालते हुए कहा।

“मैं तो समझता था कि अमरीका में रहने वाले लोग अंग्रेजी में ही बात करते हैं लेकिन तुम तो अपनी भाषा जरा भी नहीं भूले।”

इस पर हैरी थोड़ा हंसा और कहने लगा, “मेरे पापा मुझे हमेशा समझाते हैं कि हमें अपनी भाषा को कभी भूलना व नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, चाहे हम किसी भी देश में हों। हां, सभी भाषाएं सीखो, इसमें कोई बुराई नहीं।”

हैरी ने आगे कहा, “अपनी भाषा बोलने में जो आनंद है वह दूसरी भाषाओं में नहीं, फिर अपनी भाषा ही तो हमारी पहचान है। मैं अपने स्कूल में भी ज्यादातर अपनी ही भाषा में बोलने का प्रयास करता हूं। अगर कोई नहीं समझता, तब मैं अंग्रेजी का इस्तेमाल करता हूं।”

चीनू किसी बुत का भांति हैरी का बातें ध्यान से सुन रहा था। हैरी ने कहा, “चीनू, हमारे घर में एक छोटी सी लाइब्रेरी है जिसमें ज्यादातर हिंदी भाषा की किताबें हैं। मैं भी अपनी भाषा की किताबें बड़े चाव से पढ़ता हूं। किताबें हमें ज्ञान तो देती ही हैं, साथ ही हमें अपनी भाषा से भी जोड़े रखती हैं।”

चीनू आश्चर्यचकित था कि हैरी कितनी समझदारी की बातें कर रहा है।

उसे खुशी थी कि उसे एक अच्छा दोस्त मिला जिसने उसे सही रास्ता दिखाया। उसने हैरी से वायदा किया कि वह फिर कभी झूठी शान नहीं दिखाएगा और सदैव अपनी के मातृभाषा का सम्मान करेगा।

मातृभाषा किसे कहते हैं?

मातृभाषा वह भाषा है जो हम जन्‍म के साथ सीखते हैं। जहां हम पैदा होते हैं, वहां बोली जाने वाली भाषा खुद ही सीख जाते हैं। आसान भाषा में समझें तो जो भाषा हम जन्‍म के बाद सबसे पहले सीखते हैं, उसे ही अपनी मातृभाषा मानते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर कोई पंजाब में पैदा हुआ है तो पंजाबी इसकी मातृभाषा होगी।

~ ‘अपनी भाषा का सम्मान‘ story by ‘हरिंदर सिंह गोगना

Check Also

Sagittarius Horoscope - धनु राशि

Sagittarius Weekly Horoscope March 2025: Anupam V Kapil

Sagittarius Weekly Horoscope March 2025: Sagittarius has the symbol of ‘The Archer’. The people born under …