सूरज की सर्दी: Story telling By Dr. Manjari Shukla
“इतना तो तुम तब भी नहीं हँसे थे जब परसों हमने तुम्हें गुदगुदी की थी” चमकू सितारा चमचमाते हुए बोला।
“हाँ, मुझे याद है। तुम सबने मिलकर मुझे कितनी गुदगुदी की थी। पर आज तो हँसते-हँसते मेरे पेट में दर्द होने लगा है” चाँद अपना गोलमटोल पेट पकड़ता हुआ बोला।
तभी चाँद ने सूरज की तरफ़ देखते हुए कहा – “पर आज तो मेरे हँसने की वजह भी बड़ी मज़ेदार है” सूरज ने तुरंत इशारे से उसे चुप रहने के लिए कहा। सूरज को लग रहा था कि सितारे भी चाँद के साथ मिलकर उसका मज़ाक उड़ाएँगे। पर चाँद के सिर पर तो शैतानी का भूत सवार था।
वह बोला – “मुझसे तो रूका ही नहीं जा रहा है। मै तो बता कर ही रहूँगा”।
“सुनो… सुनो, जल्दी से सब मेरे पास आओ” चाँद चिल्लाते हुए बोला।
सभी सितारे गिरते-पड़ते, लुढ़कते हुए उत्सुकता से चाँद के पास पहुँच गए।
चाँद मुस्कुराते हुए बोला – “क्या तुम्हें पता है कि सूरज को ठंड लग गई है”?
सूरज ने यह सुनते ही शर्म से अपना चेहरा छुपा लिया।
सितारे यह सुनकर आश्चर्यचकित रह गए।
उन्होंने आपस में कुछ बोला और कुछ सोचते हुए एक दूसरे की तरफ़ देखा।
टिमकु सितारा टिमटिमाते हुए बोला – “सूरज हमारा दोस्त है और हमें उसकी मदद करनी चाहिए”।
सूरज टिमकु की बात सुनकर खुश हो गया। उसने अपने चेहरे से हाथ हटा लिया और सितारों की तरफ़ बड़े प्यार से देखने लगा।
उड़नछू सितारा ने सूरज से कहा – “हम खूब उड़ेंगे… बहुत सारा दौड़ेंगे… और भागेंगे तो तुम्हारी ठंड भाग जाएगी”।
“अरे, ऐसे भला कहीं ठंड भागती है” सफ़ेद उजले बादल से आवाज आई।
पर सब समझ गए थे कि बादलों के अंदर छुपा बैठा चाँद बोल रहा है।
तभी भुलक्कड़ सितारा सूरज के पास जाकर बोला – “तुम्हें सूरज के निकलने का इंतज़ार करना होगा क्योंकि सूरज की रोशनी से ठंड भाग जाती है”।
“लो कर लो बात… यहाँ तो सूरज खुद ही ठंड से काँप रहा है। तुम फ़िर से भूल गए” चाँद बादलों की ओट से झाँकता हुआ बोला।
यह सुनकर सभी सितारे खिलखिलाकर हँस दिए और सूरज भी मुस्कुरा दिया।
तभी मम्मी सफ़ेद चमचमाता हुआ स्वेटर लेकर आ गई और उन्होंने सूरज को पहना दिया।
“मेरा स्वेटर क्यों पहना दिया सूरज को”? कहता हुआ चाँद सूरज के पीछे भागा।
पर सूरज तो तब तक वहाँ से भागकर बादलों के साथ सैर पर निकल चुका था, उसकी सर्दी जो भाग गई थी।