साहस की जीत Hindi Wisdom Story on Courage

साहस की जीत Hindi Wisdom Story on Courage

तलवारबाजी प्रितियोगिता का दिन आ पहुंचा मैदान में एक हट्टा-कट्टा  नौजवान पहुंचा। उसने वहां जमा भीड़ को ललकारा। भीड़ से एक नौजवान मैदान में आ डटा। तलवारबाजी शुरू हुई। घेंटों तक दोनों नौजवान शौर्य का प्रदर्शन करते रहे। अंत में एक नौजवान ने दूसरे नौजवान को गंभीर वार करके वहीं ढेर कर दिया। विजयी नौजवान राजा के मंच की ओर बढ़ा।

उसी समय भीड़ के अंदर से एक अन्य युवक ने विजयी नौजवान को ललकारा। मैदान में फिर से तलवारबाजी शुरू हो गयी। पहले से थका नौजवान हार गया। विजेता युवक तलवार हाथ में लेकर भीड़ को ललकार रहा था।

युवक की ललकार सुनकर एक घुड़सवार मुसाफिर वहां आ पहुंचा। दोनों में घमासान तलवारबाजी शुरू हो गयी। शाम होने के कारण प्रतियोगिता को वहीं रोक दिया गया। अगले दिन फिर प्रतियोगिता शरू हुई। दिन भर में कई योद्धा घायल हुए या मारे गए। एक से बढ़कर एक योद्धा अपना पराक्रम दिखा रहे थे।

मत्स्यनगरी में कुछ बनजारे भी डेरा डाले हुए थे। बंजारों में एक युवक था जिसका नाम ‘परम’। परम ने लोगों से इस रोचक मुकाबले के बारे में सुना था। परम भी प्रतियोगिता में भाग लेने आ पहुंचा। तलवारबाजी की प्रतियोगिता शुरू हो चुकी थी।

एकाएक परम जोर से चिल्लाया, “महाराज, आप जैसे राजा के राज्य में यह खून की होली क्यों खेली जा रही है?”

प्रतियोगिता में बाधा पड़ते ही महाराज के साथ ही वहां उपस्थित सभी की भौहें तन गईं।

महाराज बोले, “कौन है यह?”

अब तक परम महाराज के आसन तक आ चुका था। हाथ जोड़कर बोला, “क्षमा करें महाराज, मैं आपकी इस अनोखी प्रतियोगिता में बाधा डाल रहा हूं। आप मेरी बातों को सुन लें। इसके बाद जो दंड देना चाहेंगे, मुझे स्वीकार होगा।”

महाराज की आज्ञा पाते ही परम बोला, “महाराज, दुनिया में एक से एक बढ़कर एक योद्धा हैं। एक-एक करके सब आते जाएंगे और मरते या घायल होते जाएंगे। यह अंतहीन सिलसिला कब तक चलता रहेगा? क्या यह आपको शोभा देता है?”

बनजारे की बात सुनकर महाराज स्तब्ध रह गये। वे कुछ कहते, उससे पहले ही राजकुमारी बोल उठी, “महाराज, वही नौजवान सबसे साहसी और वीर है, जो राजा के सामने स्पष्ट बोलने का साहस करे। मैं इसी नौजवान से शादी करूंगी। आप आर्शीवाद दें।”

~ आरती रानी

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