Tag Archives: Ancient Hindu Temples of Lord Shiva in India

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, वेरूळ गांव, औरंगाबाद जिला, महाराष्ट्र

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, वेरूळ गांव, औरंगाबाद, महाराष्ट्र

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। भगवान भोलेनाथ का यह सिद्ध मंदिर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर वेरूळ नामक गांव में है। इस ज्योतिलिंग को घुष्मेश्वर भी कहा जाता है। शिव महापुराण में भगवान शिव के इस 12वें तथा अंतिम ज्योतिर्लिंग का उल्लेख है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर: Name: Shri Grishneshwar Jyotirlinga Temple / Grushneshwar Location: Verul …

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विरुपाक्ष मंदिर: पंपापति मंदिर, हम्पी, विजयनगर जिला, कर्नाटक

विरुपाक्ष मंदिर: पंपापति मंदिर, हम्पी, विजयनगर, कर्नाटक

विरुपाक्ष मन्दिर (Virupaksha Temple) हम्पी, कर्नाटक के विजयनगर जिला में है। 15वीं शताब्दी में निर्मित यह मन्दिर भगवान शिव को समर्पित है। UNESCO की World Heritage Site सूची में भी शामिल है। विरुपाक्ष मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के विजयनगर जिले के हम्पी में स्थित है। यह हम्पी के स्मारकों के समूह का हिस्सा है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर …

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Amarnath, Jammu & Kashmir

Amarnath, Jammu & Kashmir

Amarnath Temple is a sacred Hindu shrine located in Kashmir and surrounded by beautiful Himalayan valleys. This ancient cave temple, dating to more than 5000 years ago, is devoted to Lord Shiva – one among the Holy Trinity of Hinduism. The temple is situated on Mount Amarnath which is about 141 km away from Srinagar-the capital city of Jammu & Kashmir …

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सास-बहू मंदिर नागदा, उदयपुर, राजस्थान: सहस्रबाहु मंदिर

सास-बहू मंदिर नागदा, उदयपुर, राजस्थान: सहस्रबाहु मंदिर

सास-बहू मंदिर नागदा: राजस्थान में उदयपुर (Udaipur, Rajasthan) के पास स्थित नागदा (Nagda) में एक बेहद प्राचीन मंदिर है, जिसे सास-बहू का मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। कहा जाता है कि इस्लामिक आक्रांता शम्सुद्दीन इल्तुत्मिश (Shamsuddin Iltutmish) ने नागदा शहर को बर्बाद कर इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। इस मंदिर को उसने …

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दुलादेव मंदिर: दुल्हादेव मंदिर या कुंवर नाथ मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश

दुलादेव मन्दिर: दुल्हादेव मन्दिर या कुंवरनाथ मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश

दुलादेव मंदिर: खजुराहो के मंदिर सुन्दर वास्तुकला और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। पूरे साल मध्य प्रदेश के इस प्रसिद्ध स्थल में पर्यटकों, यात्रियों यहां तक कि इनके बारे में और जानने के लिए शोधकर्त्ताओं का भी तांता लगा रहता है। खजुराहो के कई मंदिर अपनी अति सुंदर कलाकृतियों तथा वास्तुकला के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं, जैसे …

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चौमुखनाथ मंदिर: नाचना हिंदू मंदिर, पन्ना जिला, मध्य प्रदेश

चौमुखनाथ मंदिर: नाचना हिंदू मंदिर, पन्ना जिला, मध्य प्रदेश

चौमुखनाथ मंदिर – नचना हिंदू मंदिर, जिन्हें नाचना-कुथारा में नाचना मंदिर या हिंदू मंदिर भी कहा जाता है,पन्ना जिले, मध्य प्रदेश, भारत में भुमरा और देवगढ़ के साथ मध्य भारत में सबसे पहले जीवित पत्थर के मंदिर हैं। उनकी डेटिंग अनिश्चित है, लेकिन उनकी शैली की तुलना उन संरचनाओं से की जा सकती है जिन्हें दिनांकित किया जा सकता है, …

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वीरभद्र मंदिर लेपाक्षी, अनंतपुर जिला, आंध्र प्रदेश

वीरभद्र मंदिर लेपाक्षी: आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के एक छोटे से ऐतिहासिक गांव लेपाक्षी में 16वीं शताब्दी का वीरभद्र मंदिर है। इसे लेपाक्षी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह रहस्यमयी मंदिर है जिसकी गुत्थी दुनिया का कोई भी इंजीनियर आज तक सुलझा नहीं पाया। ब्रिटेन के एक इंजीनियर ने भी इसे सुलझाने की काफी कोशिश की …

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विश्वदीप ओम आश्रम, जाडन, पाली, राजस्थान: भगवान शिव की 1008 प्रतिमाएं

विश्वदीप ओम गुरुकुल, पाली, राजस्थान

विश्वदीप ओम आश्रम: सृष्टि के रचियता कहे जाने वाले त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश को ओम का प्रतीक माना जाता है। राजस्थान के पाली जिले की मारवाड़ तहसील के जाड़न गांव में ओम की आकृति वाला शिव मंदिर बनकर तैयार है। इसका उद्घाटन 19 फरवरी, 2024 को होगा। World’s first Om Shaped Shiv Temple Jadan Ashram Pali Rajasthan Name: विश्वदीप ओम …

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वालीनाथ महादेव मंदिर, मेहसाणा, गुजरात: Shivdham Shri Valinath Temple

वालीनाथ महादेव मंदिर, मेहसाणा, गुजरात

वालीनाथ महादेव मंदिर, मेहसाणा, गुजरात: गुजरात के मेहसाणा में भव्य मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा 22 फरवरी 2024 के शुभ दिन गुरुपुष्य अमृत सिद्धि योग में प्रधानमंत्री मोदी के हाथों होगी। इस दौरान देश के कई साधू-संत वहाँ मौजूद रहेंगे। वालीनाथ महादेव मंदिर का इतिहास हमेशा से बहुत ही रोचक और भव्य माना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि महाभारत …

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स्तंभेश्वर महादेव, कावी-कमोई गाँव, जंबूसर तहसील, गुजरात

स्तंभेश्वर महादेव, कावी-कमोई गाँव, जंबूसर तहसील, गुजरात

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर (Shree Stambheshwar Mahadev): गुजरात की राजधानी गांधीनगर से लगभग 175 कि.मी. दूर जंबूसर के कवि कंबोई गांव में मौजूद है। मंदिर 150 साल पुराना है, जो अरब सागर और खंभात की खाड़ी से घिरा हुआ है। इस मंदिर की महिमा देखने के लिए आपको यहां सुबह से लेकर रात तक रुकना पड़ेगा। भले ही भारत में समुद्र …

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