Tag Archives: Asia History for Students

हिन्दू-सिख इतिहास 3: हिन्दू योद्धाओं ने की थी सिख गुरुओं की रक्षा

हिन्दू-सिख इतिहास 3: हिन्दू योद्धाओं ने की थी सिख गुरुओं की रक्षा

हिन्दू योद्धाओं ने की थी गुरुओं की रक्षा, औरंगजेब से जा मिला था सिख गुरु का बेटा: हिन्दू राजा ने दान की हवेली, तब बना गुरुद्वारा बँगला साहिब हिन्दुओं ने तो हमेशा सिख गुरुओं का साथ दिया, उनका आदेश माना और उनकी सहायता की। लेकिन, सिखों में ही कुछ ऐसे लोग हो गए थे जिन्होंने अपनी ही कौम के खिलाफ …

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हिन्दू-सिख इतिहास 1: गुरु नानक से गुरु ग्रन्थ साहिब तक

हिन्दू-सिख इतिहास 1: गुरु नानक से गुरु ग्रन्थ साहिब तक

पिता से अलग रास्ते चले थे गुरु नानक के बेटे: ‘भक्ति आंदोलन’ से निकला था सिख धर्म, गुरु ग्रन्थ साहिब में हिन्दू संतों की रचनाएँ भक्ति युग के कवियों कबीर, नामदेव और रैदास की रचनाएँ हमें पवित्र गुरु ग्रन्थ साहिब में मिलती हैं। ये सभी हिन्दू कवि व संत थे, सिख नहीं थे। सिखों में सिमरन और सेवा का महत्व …

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हिन्दू-सिख इतिहास 2: गुरु गोविंद सिंह थे मूर्तिभंजक

हिन्दू-सिख इतिहास 2: गुरु गोविंद सिंह थे मूर्तिभंजक

‘वो दुष्ट पहाड़ी राजा मूर्तिपूजक, मैं मूर्तिभंजक हूँ’: गुरु गोविंद सिंह ने की थी मुगलों को गद्दी दिलाने में सहायता – किताबों में पूरा इतिहास बहादुर शाह ने कवि नंदलाल के माध्यम से गुरु से सहायता माँगी और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने भाई धर्म सिंह के साथ 200-250 लड़ाकू सिखों का एक जत्था बहादुर शाह की सहायता के …

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वीर सावरकर की पत्नी यमुनाबाई: एक सच्ची देशभक्त

वीर सावरकर की पत्नी यमुनाबाई: एक सच्ची देशभक्त

गाँधी की हत्या के बाद गुंडों ने हमला किया तो अकेले लाठी लेकर भिड़ गई थीं वीर सावरकर की पत्नी यमुनाबाई: कहानी ‘त्या तिघी’ में से एक की पति को कालापानी ले जाए जाने से पहले मुंबई के डोंगरी जेल में वो उनसे मिली थीं। वीर सावरकर ने तब उनसे कहा था कि तिनके-तीलियाँ बटोर कर बच्चों के पालन-पोषण को …

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JRD टाटा के न चाहने के बावजूद नेहरू ने किया एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण

JRD टाटा के न चाहने के बावजूद नेहरू ने किया एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण

जब नेहरू ने JRD टाटा से छीन लिया ‘एयर इंडिया’, नहीं सुनी उनकी बात: ₹70000 करोड़ के नुकसान की जिम्मेदार कॉन्ग्रेस? JRD टाटा का मानना था कि भारत की सरकार नई है और इसे विमान उड़ाने या विमान सेवा कंपनी चलाने का कोई अनुभव नहीं है, ऐसे में एयर ट्रांसपोर्ट कंपनियों के राष्ट्रीयकरण का अर्थ होगा कि ये ब्यूरोक्रेसी की …

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प्रीतिलता वड्डेदार: अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की अमर मिसाल

प्रीतिलता वड्डेदार: अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की अमर मिसाल

अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की अमर मिसाल प्रीतिलता वड्डेदार: महज 21 साल की उम्र में देश के लिए दिया सर्वोच्च बलिदान चिटगाँव स्थित शस्त्रागार में 18 अप्रैल 1930 छापा मारा गया और उस दौरान प्रीतिलता वड्डेदार ने सफलतापूर्वक टेलीफोन लाइनों, टेलीग्राफ कार्यालय को नष्ट कर दिया। भारत का इतिहास ऐसे कई उदाहरणों से भरा पड़ा है, जिसमें देश के स्वतंत्रता …

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पृथ्वीराज चौहान और अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती

पृथ्वीराज चौहान और अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती

‘हमने पिथौरा को जिंदा दबोच इस्लामी फौज को सौंप दिया’: ‘गरीब नवाज’ ने क्यों लिया था पृथ्वीराज चौहान की हार का श्रेय? MA अकबर की पुस्तक के अनुसार, मोईनुद्दीन चिश्ती को निजामुद्दीन औलिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा सूफी संत माना गया लेकिन उसने अजमेर के आनासागर झील को अपवित्र कर दिया था। उसने अल्लाह और पैगम्बर की मदद से …

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येरुशलम विवाद: इजराइल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष

येरुशलम विवाद: इजराइल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष

जहाँ अभी अल-अक्शा मस्जिद, वहाँ पहले था यहूदियों का मंदिर: जानिए कहाँ से शुरू हुआ येरुशलम विवाद टेंपल माउंट में यहूदियों के प्रवेश पर प्रतिबंध के कारण पश्चिमी दीवार यहूदियों का सबसे पवित्र स्थल है। यहाँ पर ये लोग पूजा कर सकते हैं। दूसरे यहूदी मंदिर के विस्तार का सबूत राजा हेरोड द्वारा बनाई दीवार के अवशेष हैं। इसके अलावा …

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How General Dyer was honoured by some Indians

How General Dyer was honoured by some Indians

General Reginald Dyer defending his actions on April 13, 1919, in Jallianwala Bagh How Reginald Dyer, the General who ordered Jallianwala Bagh massacre, was honoured by some Indians Jallianwala Bagh massacre by the British was one of the worst events in the history of India. As per British official records, 379 unarmed Indians were killed and 1100 were injured because …

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जब शिवाजी के 300 मराठों ने 1 लाख की फ़ौज को हराया

जब शिवाजी के 300 मराठों ने 1 लाख की फ़ौज को हराया

वो शिवा जिसने शिवाजी की जान बचाने के लिए ख़ुद का बलिदान दिया जैसा कि योजना बनाई गई थी, शिवा काशिद पकड़े गए और उन्हें बीजापुरी कैंप में ले जाया गया। वे चाहते ही थे कि शिवाजी की जान बचाने के लिए उन्हें पकड़ लिया जाए। इस बलिदान ने पीछे हटते मराठा बल को कुछ साँस लेने का मौका दिया। …

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