मुखिया के टपरे हरियाये बनवारी के घाव सावन की झांसी में गुमसुम भीग रहा है गाँव धन्नो के टोले का तो हर छप्पर छलनी है सब की सब रातें अब तो आँखों में कटनी हैं चुवने घर में कहीं नहीं खटिया भर सूखी ठाँव निंदियारी आँखें लेकर खेतों में जाना है रोपाई करते करते भी कजली गाना है कीचड़ में …
Read More »पुरबा जो डोल गई: शिवबहादुर सिंह भदौरिया
भदौरिया जी का जन्म 15 जुलाई सन 1927 को ग्राम धन्नीपुर रायबरेली उत्तर प्रदेश में हुआ था। ‘हिंदी उपन्यास सृजन और प्रक्रिया’ पर कानपुर विश्व विद्यालय ने उन्हें पीएच.डी. की उपाधि से अलंकृत किया था। 1967 से 1972 तक बैसवाड़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिंदी प्रवक्ता से लेकर विभागाध्यक्ष तक के पदों पर रहे। 1988 में कमला नेहरु स्नातकोत्तर महाविद्यालय के …
Read More »बूँद टपकी एक नभ से: भवानी प्रसाद मिश्र
भवानी प्रसाद मिश्र हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक थे। वह ‘दूसरा सप्तक’ के प्रथम कवि हैं। गांंधी-दर्शन का प्रभाव तथा उसकी झलक उनकी कविताओं में साफ़ देखी जा सकती है। उनका प्रथम संग्रह ‘गीत-फ़रोश’ अपनी नई शैली, नई उद्भावनाओं और नये पाठ-प्रवाह के कारण अत्यंत लोकप्रिय हुआ। प्यार से लोग उन्हें भवानी भाई कहकर सम्बोधित किया करते थे। …
Read More »रिम झिम बरस रहा है पानी: मानसून बारिश पर कविता
वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरी गोलार्द्ध में जो अतिआक्रामक प्रदूषण हो रहा है, उससे दक्षिणी गोलार्द्ध प्रभावित हुए बिना कैसे रह सकता है? थर्मल पॉवर प्लांट्स से निकलने वाली कार्बन डाई-ऑक्साइड और सल्फर डाई-ऑक्साइड दुनिया के कई-कई देशों सहित भारत में भी तबाही मचा रही है। इंपीरियल कॉलेज, लंदन के एक शोध में बताया गया है कि यूरोप में …
Read More »लक्ष्य: योगी सारस्वत – हौसला बढ़ाने वाली प्रेरक कविता
डॉ. कलाम कहते थे – जिंदगी बदलनी है तो बड़े लक्ष्य रखो, छोटे लक्ष्य तो अपराध हैं लक्ष्य: योगी सारस्वत लक्ष्य हमेशा बड़े रखो, लक्ष्य पर हमेशा चले-चलो। संभव है इसमें बाधाएं भी आएं, पर बाधाओं से लड़ते चलो॥ लक्ष्य हमेशा बड़े रखो॥ कोई गरीब है तो कोई अमीर, पर सबकी अपनी-अपनी तकदीर। हर मंजिल तुमको अपनी मिल जायेगी, गर …
Read More »माँ की ममता: मातृ दिवस पर कविता
मातृ-दिवस हर बच्चे और विद्यार्थी के लिये वर्ष का अत्यधिक यादगार और खुशी का दिन होता है। मदर्स डे साल का खास दिन होता है जो भारत की सभी माताओं के लिये समर्पित होता है। मातृ-दिवस हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। बच्चे इस दिन पर बहुत खुश होते है और अपनी माँ को सम्मान …
Read More »Earth Day Poetry For Students And Children
Earth Day was first celebrated on April 22, 1970 throughout the United States. Then to increase the awareness of the clean environment, the Earth Day was celebrated every year in the whole world. This year, the global theme of the 45th anniversary of ‘Prithvi Dill’ is inspiring everyone to come forward for environmental protection. On the occasion of Earth Day …
Read More »China New Year: Short English Poetry For Kids
Firecrackers explode and bang, Cymbals and temple bells have rang. dragons parade through the street, Chinese new year, a yearly treat. Fireworks Explode in the skies, a special treat for children’s eyes. celebrations are all we hear, For the animal of the year. This year, however, is the best, dragons are king o’er all the rest. sixty years passed reaching …
Read More »अरुण यह मधुमय देश हमारा: जय शंकर प्रसाद
A lovely classic by Jai Shankar Prasad. Hindi is a bit difficult so I have provided the meanings of difficult words… अरुण यह मधुमय देश हमारा: जय शंकर प्रसाद अरुण यह मधुमय देश हमारा। जहां पहुंच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा। सरस तामरस गर्भ विभा पर नाच रही तरुशिखा मनोहर छिटका जीवन हरियाली पर मंगल कुंकुम सारा। लघु सुरधनु …
Read More »हिमाद्रि तुंग शृंग से: जय शंकर प्रसाद की देशप्रेम कविता
Here is an old classic inspirational poem by Jay Shankar Prasad. हिमाद्रि तुंग शृंग से: जय शंकर प्रसाद हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती – स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती – ‘अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!’ असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्यदाह-सी, सपूत मातृभूमि के – रुको न शूर साहसी! …
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