अप्पू का हेलमेट: “कितनी देर से हेलमेट ढूँढ रहा हूँ, कहीं मिल नहीं रहा” कमरे के अंदर से एक आदमी की आवाज़ सुनाई पड़ी। अमरुद के पेड़ पर बैठा हीरु तोता फुर्र से उड़कर खिड़की पर बैठ गया और कमरे के अंदर झाँकने लगा। कमरे का सारा सामान उल्टा पुल्टा पड़ा हुआ था और एक आदमी बड़बड़ाता हुआ अपना हेलमेट …
Read More »गोलू और मोबाइल: परिवार में मोबाइल की खलल
गोलू और मोबाइल: मंजरी शुक्ला – आज इतवार है और ख़ुशी के मारे गोलू सारे घर में इधर से उधर कूद रहा है। आज पापा ने उसके साथ चिड़ियाघर जाने का वादा जो किया है। तभी उसे अपने भैया की आवाज़ सुनाई दी। “गोलू, जल्दी से बाहर आओ तुम्हारा दोस्त पिंटू आया है”। पिंटू का नाम सुनते ही गोलू कमरे के …
Read More »पेड़ का भूत: रोचक हास्य कहानी
पेड़ का भूत: मंजरी शुक्ला – “पापा, अमरूद का पेड़ कितना बड़ा हो गया है ना” सात साल के अमित ने पेड़ को देखते हुए कहा! “हाँ, ऐसा लगता है जैसे कल ही लगाया था” पापा तने पर हाथ फेरते हुए बोले। “आपने मेरे हाथों से लगवाया था ना” अमित ने खुश होते हुए कहा! “हाँ…” पापा ने कहा और …
Read More »शिक्षक के लिए पत्र: एक छात्र के मन की बात
क्लास के बच्चों पर सरसरी नज़र डालते हुए वर्मा सर ने सोचा – “अगर शम्भू भी पढ़ता तो कितना अच्छा होता”। उधर शम्भू वर्मा सर को देखकर सोच रहा था – “अगर सर को पढ़ाना आता होता तो कितना अच्छा होता”। और यह सोचते ही उसकी नज़र खिड़की से बाहर चली गई जहाँ पर एक नन्ही चिड़िया बैठी हुई थी। …
Read More »चिंटू की डिजिटल घड़ी: रोचक हिंदी हास्य बाल कहानी
मम्मी ने आवाज़ लगाई – “मामा तुमसे बात करना चाहते है”। चिंटू ने सुन लिया और चुपचाप बना पड़ा रहा। मम्मी बोली – “जल्दी उठो”। “सोने दो ना” चिंटू बुदबुदाया। चिंटू की डिजिटल घड़ी: डॉ. मंजरी शुक्ला “अरे, तुम इतने दिनों से घड़ी के पीछे पड़े थे ना तो मामा उसी के बारे में बात करना चाहते है”। “ओह! कहीं …
Read More »माँ: गरीब विधवा माँ और उसके दृढ़ निश्चय की कहानी
अरे, मम्मी… आप क्यों पैरेंट टीचर मीटिंग में चल रही है और फिर से वही पुरानी हरी साड़ी पहनकर। दस साल का चिंटू चिढ़चिढ़ाता हुआ बोला। पर उसकी मम्मी तो ख़ुशी के मारे फूली ही नहीं समा रही थी। शहर के सबसे बड़े स्कूल में एक-एक पाई इकठ्ठा करके उसने अपने इकलौते बेटे का एडमिशन बड़ी मुश्किलों से करवाया था। …
Read More »पढ़ाकू शेर: एक तोतले शेर की कहानी जो पढना चाहता है
पढ़ाकू शेर: लेखिका ‘मंजरी शुक्ला’ चिड़ियाघर घूमते-घामते अचानक बबलू का सामना शेर से हो जाता है। डर के मारे बबलू के हाथ पैर काँपने लगते है। शेर हँसते हुए बोला – “डलो मत, मै सिर्फ़ तमातल और दाजल थाता हूँ”। “तुम… तुम तो तोतले हो!” बबलू ने आश्चर्य से कहा। “हाँ… थई पहचाना” शेर ने जवाब दिया। “मै परना चाहता …
Read More »सूरज की सर्दी: मंजरी शुक्ला की बच्चों के लिए कहानी
चारों ओर धुंध छाई हुई थी लोग आश्चर्य कर रहे थे कि सूरज क्यों नहीं निकला। पर बेचारा सूरज निकलता भी तो कैसे… वह तो आसमान में उकड़ूँ बैठा ठंड से काँप रहा था। सुबह से ही सूरज को बहुत ठंड लग रही थी। पर सूरज को इस तरह सर्दी में काँपते देख चाँद बहुत खुश था क्योंकि चाँद को …
Read More »नन्हे दोस्त: पक्षियों के लिए दाना-पानी की बाल-कहानी
“पूरी कॉलोनी में बस एक यही पेड़ बचा है हमारे लिए” नीतू गौरिया ने चुलबुल तोते से कहा। “मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा है कि सब लोग पेड़ कटवा क्यों रहे है” चुलबुल ने दुखी होते हुए कहा। “अरे, तुम दोनों कहाँ चले गए थे?” पेड़ के झुरमुट से टिन्नू गिलहरी की आवाज़ आई। नीतू चहकते हुए बोली …
Read More »नई सुबह: साक्षरता प्रेरक प्रेरणादायक बाल कहानी
“काँच के अंदर झाँकने से किताब पढ़ने को नहीं मिल जाएगा” चाय की गुमटी से बापू गुस्से से चीखे जो लाइब्रेरी के पास ही बनी हुई थी। छोटू पर इस बात का कोई असर नहीं हुआ। वह चेहरे से बारिश की बूँदें पोंछता हुआ शीशे के अंदर देखता रहा। अंदर का दृश्य उसके लिए किसी स्वप्न लोक से कम नहीं …
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