आचार्य देवो भवः मनुष्य को गुणवान बनाने के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि बिना पढ़ा मनुष्य पशु के सामान होता है। मनुष्य के कार्य और व्यवहार में सुन्दरता और शिष्टता शिक्षा के द्वारा ही आती है। शिक्षा जगत में शिक्षक का एक गौरवपूर्ण स्थान है। बच्चों की शिक्षा का पूर्ण दायित्व शिक्षक पर ही निर्भर करता है। समाज और …
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