बच्चे मन के सच्चे: दो कलियाँ फिल्म से दो कलियाँ 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। दो जुड़वाँ बच्चों के आधार पर बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफ़िस पर सफल रही तथा साहिर के गीत (बच्चे मन के सच्चे) आज भी प्रसिद्ध है। फ़िल्म का संगीत रवि ने दिया था। बच्चे मन के सच्चे, सारी जग के आँख के तारे ये …
Read More »इन्साफ़ की डगर पे बच्चों दिखाओ चल के: शकील बदायूंनी
आसान अल्फाज के जरिए सीधे दिल में उतरने वाले मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूंनी के बगैर रूमानी फिल्मों की कहानियां अधूरी हैं। मगर, मकबूल शायर होने के बावजूद उन्हें वह जगह नहीं मिली जिसके वह हकदार थे। ‘मुगल-ए-आजम’ और ‘मदर इंडिया‘ जैसी कालजयी फिल्मों और ‘मेरे महबूब’, ‘गंगा-जमुना’ और ‘घराना’ जैसी अपने दौर की सुपरहिट फिल्मों को अपने नग्मों …
Read More »रुक जाना नहीं तू कहीं हार के: मजरूह सुल्तानपुरी
महान शायर और गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी का अपनी जिंदगी और शायरी के बारे में नजरिया कुछ ऐसा ही था जैसा कि उनका यह गीत कि ‘एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल‘। मुशायरों और महफिलों में मिली शोहरत तथा कामयाबी ने एक यूनानी हकीम असरारूल हसन खान को फिल्म जगत का एक अजीम …
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