मां के हाथ का खाना कितना स्वादिष्ट होता है, यह तो हम सभी जानते हैंं। हर कोई अपने मां के हाथ के खाने का स्वाद कभी भी नहीं भुलता है। मां अपने खाने में प्यार डालती है, यही प्यार खाने को सबसे ज्यादा स्वादिष्ट बनाता है। मां को अच्छी तरह से पता रहता है की उसके बच्चे को किस तरह …
Read More »कृष्ण मुक्ति: राजीव कृष्ण सक्सेना
कृष्ण मुक्ति: राजीव कृष्ण सक्सेना – Lord Krishna was cursed by Gandhari that he would be killed by the arrow of a petty hunter in the forest. As if to fulfill this destiny, Lord Krishna went to Prabhasa forest and rested under a tree awaiting his death. A hunter mistaking his feet for a deer shot an arrow that brought …
Read More »वर दे वीणावादिनी: Suryakant Tripathi ‘Nirala’ Saraswati Vandana
वर दे वीणावादिनी – an old classic by the famous poet Suryakant Tripathi Nirala. This lovely composition in chaste Hindi is a pleasure to sing loudly for its sheer rhythm and zing. On this Independence Day, this national poem should be shared by all. निराला ने 1920 ई० के आसपास से लेखन कार्य आरंभ किया। उनकी पहली रचना ‘जन्मभूमि’ पर …
Read More »दादी माँ: Short Poem on Grandmother in Hindi Language
दादी माँ: मेरी दादी के सबसे ज़्यादा करीब मैं हूँ। मेरे घर पर नौ सदस्य है। जिनमे माँ, पिताजी, मैं और मेरी बहन, चाचा – चाची और उनके दो बच्चे यानी दो भाई और दादी है, हम दो मंज़िला इमारत में रहते है। दादी सबसे प्यारी है। मैं अपने दादी से बेहद प्यार करता हूँ। वह सभी का समान रूप से …
Read More »दादी वाला गाँव: Nostalgia Hindi Poem about Ancestral Village Home
दादी वाला गाँव: गाँव भारत का हृदय है। कुछ विद्वान कहते हैं कि असली भारत गाँव में है। लगभग 70% आबादी गाँव में रहती है। लोगों के कल्याण के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया अंत्योदय कार्यक्रम अंतिम पंक्ति में है। गाँव में पंचायती राज संस्थाएँ वह स्तर जहाँ वास्तविक लोकतंत्र की शक्ति का एहसास होता है क्योंकि सत्ता …
Read More »दादा और दादी जी: Inspirational Short Hindi Poem on Grandparents
दादा और दादी जी किसी भी परिवार का वह सदस्य होते है, जो परिवार को संभाल कर रखती है और हमेशा सभी को प्यार देती है। ‘दादा और दादी जी‘ हमेशा बच्चों से स्नेह एवम लाड दुलार करते है और उन्हें किसी भी प्रकार से दुखी नहीं कर सकते है। आज तक आपने और हमने ‘दादा और दादी‘ के ऊपर …
Read More »हम कबीर के वंशज चुप कैसे रहते: कुमार विश्वास
हम कबीर के वंशज चुप कैसे रहते: Kumar Vishwas has emerged as a very popular Hindi poet who is also in politics. He often conveys his frustrations through his poems. His tussle with Aam Aadmi Party, especially with the chief Arvind Kejriwal is often talked about and recently culminated in refusal to him of Rajya Sabha nomination from AAP. He …
Read More »जलियाँवाला बाग में बसंत: सुभद्रा कुमारी चौहान
जलियाँवाला बाग में बसंत: सुभद्रा कुमारी चौहान – Jallianwala Bagh (जलियाँवाला बाग) is a public garden in Amritsar, and houses a memorial of national importance, established in 1951 by the Government of India, to commemorate the massacre of peaceful celebrators including unarmed women and children by British occupying forces, on the occasion of the Punjabi New Year (Baisakhi) on 13 …
Read More »सुभाष चन्द्र बोस: गोपाल प्रसाद व्यास
सुभाष चन्द्र बोस: गोपाल प्रसाद व्यास – 23 जनवरी 1897 का दिन विश्व इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इस दिन स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक सुभाषचंद्र बोस का जन्म कटक (Cuttack, Odisha) के प्रसिद्ध वकील जानकीनाथ तथा प्रभावतीदेवी के यहां हुआ। 12 सितंबर 1944 को रंगून के जुबली हॉल में शहीद यतीन्द्र दास के स्मृति दिवस पर नेताजी ने अत्यंत …
Read More »हैं सुभाष चन्द्र बोस अमर: हरजीत निषाद
हैं सुभाष चन्द्र बोस अमर: हरजीत निषाद – सुभाष चंद्र बोस भारत के सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे. वह युवाओं के करिश्माई प्रभावक थे और स्वतंत्रता के संघर्ष के दौरान भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) की स्थापना और नेतृत्व करके ‘नेताजी‘ की उपाधि प्राप्त की। हालाँकि शुरुआत में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ गठबंधन किया गया था लेकिन …
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