Tag Archives: Compromise Poems for Students

हमारा अतीत (भारत–भारती से): मैथिली शरण गुप्त

हमारा अतीत (भारत–भारती से): मैथिली शरण गुप्त

Bharat-Bharati is a classic Maha-Kavya (epic) written by Rashtra Kavi Methili Sharan Gupt. It traces the rise and fall of Indian civilization and gives prescription for regaining the heights that the civilization had once achieved in the past. The book has three chapters on the past, present and future of India. There are 703 verses in all. I have presented …

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अपराधी कौन: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की देश प्रेम कविता

Hindi Poem on Desh Prem / Frustration अपराधी कौन - रामधारी सिंह दिनकर

रामधारी सिंह ‘दिनकर’ भारत में हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद ‘राष्ट्रकवि’ के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि …

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छोटा चूहा: पूर्णिमा वर्मन की हास्यप्रध बाल-कविता

छोटा चूहा: पूर्णिमा वर्मन की हास्यप्रध बाल-कविता

चूहा एक स्तनधारी प्राणी है। यह साधारणतः सभी देशों में विशेषकर उष्ण देशों में पाया जाता है। यह कपड़ा, सूटकेश आदि को काटकर बहुत हानि पहुँचाता है। शरीर बालों से आवृत एवं सिर, गर्दन, धड़ तथा पूँछ में विभक्त होता है। ऊपरी एवं निचली ओठ से घिरा रहता है। सिर में एक जोड़ा नेत्र, दो बाह्यकर्ण, धड़ में दो जोड़े पैर …

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दोस्ती पर समर्पित कविता: दोस्ती की मिसाल रखियेगा

दोस्ती पर समर्पित हिंदी कविता: दोस्ती की मिसाल रखियेगा

दोस्ती पर कविता में पढ़िए एक दोस्त की जिंदगी में क्या अहमियत होती है। दोस्त ही तो वो शख्स होता है जिसके साथ हम अपने दिल की वो बातें कर सकते हैं जो हम किसी और से नहीं कर सकते। दोस्त एक मान की तरह प्यार देता है। पिता की तरह डांटता है और भाई की तरह ख्याल रखता है। …

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दोस्ती के नाम एक कविता: सब दोस्त थकने लगे है

दोस्ती के नाम एक कविता: सब दोस्त थकने लगे है

यूं तो रोजमर्रा की जिंदगी में हमारे कई दोस्त होते हैं, जिनमें कुछ खास, तो कुछ आम होते हैं। दोस्ती भी सबसे अलग-अलग होती है। कभी सिर्फ हाय-हैलो, कभी काम चलाउ, कभी खट्टी-मीठी नमकीन, तो कभी सतरंगी रंगों से सजी दुनिया सी…। सब दोस्त थकने लगे है: खूबसूरत कविता दोस्ती के नाम साथ-साथ जो खेले थे बचपन में, वो सब …

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विजयी के सदृश जियो रे: रामधारी सिंह दिनकर

Why did India need to bury Netaji Subhash Chandra Bose before his death?

World is run by people who live a life full of actions. Geeta teaches Karma-yoga to us. The same thought prevails in this poem by Dinkar. It is one of those poems that fill us with enthusiasm and a will to achieve some thing in life. Only Ramdhari Singh Dinkar can exhort like this. A lovely poem indeed. दिनकर जी …

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हरिवंश राय बच्चन वीर रस देश प्रेम कविता: रुके न तू

हरिवंश राय बच्चन वीर रस देश प्रेम कविता: रुके न तू

Here is an exhortation from Harivansh Rai Bachchan to leave inaction and to work with full enthusiasm and vigor. A good poem for children to recite. धरा हिला, गगन गुँजा नदी बहा, पवन चला विजय तेरी, विजय तेरीे ज्योति सी जल, जला भुजा–भुजा, फड़क–फड़क रक्त में धड़क–धड़क धनुष उठा, प्रहार कर तू सबसे पहला वार कर अग्नि सी धधक–धधक हिरन …

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जब इस धरती पर राजपूत आया: राजपूतों का शौर्य गान

जब इस धरती पर राजपूत आया: राजपूतों का शौर्य गान

राजपूत भारतीय उपमहाद्वीप की बहुत ही प्रभावशाली जाति है, जो शासन और सत्ता के सदैव निकट रही है। अपनी युद्ध-कुशलता और शासन-क्षमता के कारण राजपूतों ने पर्याप्त ख्याति अर्जित की। राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल माना जाता है जो कि ‘राजपुत्र’ का अपभ्रंश है। राजस्थान को ब्रिटिशकाल में ‘राजपुताना’ भी कहा गया है। ‘Rajput’ is derivative of a …

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पन्ना दाई: सत्य नारायण गोयनका की वीर रस कविता

पन्ना दाई - सत्य नारायण गोयंका

Panna Dhai (also spelled Panna Dai “पन्ना दाई“) was a 16th-century nursemaid to Udai Singh II, the fourth son of Maharana Sangram Singh (12 April 1484 – 17 March 1527). Her name, Panna means emerald, and dai means a nurse in Hindi language. She had been given charge of young Udai Singh, breastfeeding him virtually from his birth in 1522, along …

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गोरा बादल: पंडित नरेंद्र मिश्र की वीर रस हिंदी कविता

गोरा-बादल: पंडित नरेंद्र मिश्र की वीर रस हिंदी कविता

दोहराता हूँ सुनो रक्त से लिखी हुई क़ुरबानी। जिसके कारन मिट्टी भी चन्दन है राजस्थानी।। रावल रत्न सिंह को छल से कैद किया खिलजी ने काल गई मित्रों से मिलकर दाग किया खिलजी ने खिलजी का चित्तोड़ दुर्ग में एक संदेशा आया जिसको सुनकर शक्ति शौर्य पर फिर अँधियारा छाया दस दिन के भीतर न पद्मिनी का डोला यदि आया …

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