Tag Archives: Countryman Hindi Poems

हर घर तिरंगा: आजादी का अमृत महोत्सव

हर घर तिरंगा: आजादी का अमृत महोत्सव

हर घर तिरंगा: आजादी का अमृत महोत्सव – साल 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मनाया जा रहा है। इस मौके पर डाक विभाग ने तिरंगे झंडे (Tricolour) की विकास यात्रा डाक टिकट पर दिखाई है। इस स्मारक डाक टिकट की कीमत 75 रुपये रखी गई है। …

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तिरंगा प्यारा: भारतीय ध्वज पर हिंदी कविता

तिरंगा प्यारा: भारतीय ध्वज पर हिंदी कविता

तिरंगा प्यारा! भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी। इसे 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व 22 जुलाई, 1947 को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया …

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रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद

रविन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविता का हिंदी अनुवाद: रवीन्द्रनाथ टैगोर ज्यादातर अपनी पद्य कविताओं के लिए जाने जाते है, टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएँ, यात्रावृन्त, नाटक और हजारों गाने भी लिखे हैं। टैगोर की गद्य में लिखी उनकी छोटी कहानियों को शायद सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है; इस प्रकार इन्हें वास्तव में बंगाली भाषा …

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रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद: बचपन से ही रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविता, छन्द और भाषा में अद्भुत प्रतिभा का आभास लोगों को मिलने लगा था। उन्होंने पहली कविता आठ साल की उम्र में लिखी थी और 1877 में केवल सोलह साल की उम्र में उनकी लघुकथा प्रकाशित हुई थी। भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूँकने वाले …

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परशुराम की प्रतीक्षा: रामधारी सिंह दिनकर की कविता

परशुराम की प्रतीक्षा - रामधारी सिंह दिनकर

परशुराम की प्रतीक्षा: रामधारी सिंह दिनकर – A just society does not occur spontaneously. It has to be nurtured and protected with valor. Here is a poem so characteristic of Ramdhari Singh Dinkar. Compare with his other works like “Shakti Aur Kshma“, “Vijayi Ki Sadrish Jiyo Re” and Rashmirathi in this collection. Before the contemporary poem evolved as an expression …

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शेर अली आफ़रीदी: क्रन्तिकारी देशभक्त मुसलमान

शेर अली आफ़रीदी: क्रन्तिकारी देशभक्त मुसलमान

शेर अली आफ़रीदी (शेर अली आफ़्रीदी), जिन्हें शेरे अली भी कहा जाता है, 8 फरवरी 1872 को भारत के Viceroy Lord Mayo की हत्या के लिए जाने जाते हैं। वह उस समय अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह पर कैदी थे, जिन्हें हत्या की सजा सुनाई गई थी। 1869 से भारत के Viceroy Lord Mayo के 6वें Sir Richard Southwell Bourke फरवरी …

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अशफाक उल्ला खां: भारत के अमर शहीद क्रांतिकारी

अशफाक उल्ला खां: भारत के अमर शहीद क्रांतिकारी

अशफाक उल्ला खां: भारत के अमर शहीद क्रांतिकारी – देश में चल रहे आंदोलनों और क्रांतिकारी घटनाओं से प्रभावित अशफाक के मन में भी क्रांतिकारी भाव जागे और उसी समय मैनपुरी षड्यंत्र के मामले में शामिल रामप्रसाद बिस्मिल से हुई और वे भी क्रांति की दुनिया में शामिल हो गए। इसके बाद वे ऐतिहासिक काकोरी कांड में सहभागी रहे और …

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भारत के त्यौहार Hindi Poem on Indian Festivals

Hindi Poem on Indian Festivals भारत के त्यौहार

भारत के त्यौहार: भारत त्यौहारों की भूमि है। भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही उत्सव और त्यौहारों की परम्परा रही हैं। इसमें विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोग रहते है और इस प्रकार यहाँ कई धार्मिक त्यौहार मनाये जाते हैं। उत्सव धर्म का एक अभिन्न अंग हैं। भारत में तीन राष्ट्रीय त्यौहार भी मनाए जाते है। उत्सव के मौसम के …

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स्वामी विवेकानंद के भाषण पर प्रेरणादायक कविता

स्वामी विवेकानंद के भाषण पर प्रेरणादायक कविता

शिकागो धर्म सम्मेलन, 1893 में दिया गया भाषण स्वामी विवेकानंद पर कविता अमरीकी भाई बहनो कह, शुरू किये जब उद्बोधन। धर्म सभा स्तब्ध हुई थी, सुनकर उनका सम्बोधन॥आया उस प्राचीन देश से, जो संतो की है नगरी। पाया हूँ सम्मान यहाँ जो, भरी हर्ष से मन गगरी॥मेरा है वो धर्म जिसे सब, कहते धर्मो की माता। धरा गगन में होने वाली, हर हलचल …

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स्वामी विवेकानंद जी की कविता: सागर के वक्ष पर

युवा दिवस: स्वामी विवेकानंद जयंती पर जानकारी

सागर के वक्ष पर: स्वामी विवेकानंद जी नील आकाश में बहते हैं मेघदल,श्वेत कृष्ण बहुरंग,तारतम्य उनमें तारल्य का दीखता,पीत भानु-मांगता है विदा,जलद रागछटा दिखलाते।बहती है अपने ही मन से समीर,गठन करता प्रभंजन,गढ़ क्षण में ही, दूसरे क्षण में मिटता है,कितने ही तरह के सत्य जो असम्भव हैं –जड़ जीव, वर्ण तथा रूप और भाव बहु।आती वह तुलाराशि जैसी,फिर बाद ही …

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