Tag Archives: Democracy Songs for Students

मेरे देश की धरती सोना उगले: गुलशन बावरा का देश प्रेम फ़िल्मी गीत

मेरे देश की धरती सोना उगले - गुलशन बावरा

मेरे देश की धरती सोना उगले: गुलशन छह वर्ष की उम्र में कविता लिखने लगे थे। बचपन में ही मौत का दंश झेलने वाले गुलशन के गीतों में दर्द छलकता रहा। लोग इसमें डूबते रहे। विभाजन के बाद दिल्ली आकर यहां स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद मुंबई में गए और वहां संघर्ष शुरू हुआ। रेलवे में लिपिक की नौकरी की …

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मेरा रंग दे बसंती चोला: प्रेम धवन का देश-भक्ति गीत हिंदी फिल्म ‘शहीद’ से

मेरा रंग दे बसंती चोला - प्रेम धवन

मेरा रंग दे बसंती चोला अत्यंत लोकप्रिय देश-भक्ति गीत है। यह गीत किसने रचा? इसके बारे में बहुत से लोगों की जिज्ञासा है और वे समय-समय पर यह प्रश्न पूछते रहते हैं। ‘यह गीत किसने लिखा?’ इसका उत्तर जानने के लिए हमें इसका इतिहास खंगालना होगा। इस गीत के दो संस्करण है। जिस गीत से अधिकतर लोग परिचित हैं वह गीत …

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मोहे तू रंग दे बसंती: प्रसून जोशी का फ़िल्मी गीत

मोहे तू रंग दे बसंती - प्रसून जोशी

मोहे तू रंग दे बसंती: प्रसून जोशी का फ़िल्मी गीत – प्रसून जोशी के “कुछ कर गुज़रने” की शुरुआत पहाड़ों से हुई। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में 1971 में जन्म हुआ। पिता पीसीएस अफसर थे। मां क्लासिकल सिंगर। मां-पिता दोनों की संगीत में दिलचस्पी थी। एक इंटरव्यू में प्रसून ने कहा था, “पिता पीसीएस अधिकारी थे तो देर रात तक लाइब्रेरी खुलवाए …

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ऐ मेरे वतन के लोगों: कवि प्रदीप का लोकप्रिय देशभक्ति गीत

ऐ मेरे वतन के लोगों - कवि प्रदीप

यूं तो भारतीय सिनेमा जगत में वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिये अब तक न जाने कितने गीतों की रचना हुयी है लेकिन ‘ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंखो मे भर लो पानी, जो शहीद हुये है उनकी जरा याद करो कुर्बानी।’ जैसे देश प्रेम की अछ्वुत भावना से ओत प्रोत रामचन्द्र द्विवेदी उर्फ कवि प्रदीप के इस गीत …

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तू ना रोना, के तू है भगत सिंह की माँ: प्रेम धवन

तू ना रोना, के तू है भगत सिंह की माँ - प्रेम धवन

भारत के वीर पुत्र भगत सिंह – जिसने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया। 27 सितम्बर 1907 को जिसका जन्म हुआ और मात्र 24 वर्ष की कोमल आयु में जिसे केवल इसलिए फांसी पे चढ़ा दिया गया क्युकि वो भारत माँ से बहुत प्रेम करता था, किसी को प्रेम की इतनी बड़ी सज़ा? वो माँ का क्या हाल …

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छोडो कल की बातें कल की बात पुरानी: प्रेम धवन का देश प्रेम गीत

छोडो कल की बातें कल की बात पुरानी - प्रेम धवन

Hum Hindustani is a 1960 Hindi movie produced by Sashadhar Mukherjee and directed by Ram Mukherjee. The film stars Sunil Dutt, Joy Mukherjee, Asha Parekh, Jagirdar, Helen, Leela Chitnis, Agha, Prem Chopra and Sanjeev Kumar in his debut. The film is a remake of “Basu Parivar” (1952). The film about clash of Indian feudalism and modern youth during in the …

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साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल: गाँधी जी पर देश भक्ति गीत

Kavi Pradeep Inspirational Song About Mahatma Gandhi साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल

दे दी हमें आज़ादी (Miraculously given us freedom) or Sabarmati ke Sant is an Indian song written by Kavi Pradeep. It is a patriotic song dedicated to Mahatma Gandhi and his non-violence nature. This a film soundtrack of Bollywood film Jagriti (1954). This song was sang by Asha Bhosle. साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल: कवि प्रदीप दे दी …

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जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा: राजेंद्र कृष्ण

जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा: राजेंद्र कृष्ण

राजेंद्र कृष्ण के गीतों का सफ़र ‘प्यार की शमा को तकदीर बुझाती क्यूं है किसी बर्बादे-मोहब्बत को सताती क्यूं है’। और 1948 में बनी फ़िल्म प्यार की जीत में क़मर जलालाबादी और राजेंद्र कृष्ण के गीत थे। राजेंद्र का यह गीत बहुत मकबूल हुआ ‘तेरे नैनों ने चोरी किया मेरा छोटा सा जिया परदेसिया’। 1948 में ‘बापू की यह अमर …

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सुनो गौर से दुनिया वालो: समीर का देशभक्ति फ़िल्मी गीत

सुनो गौर से दुनिया वालो - समीर

समीर हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इनके ज्यादातर गीत हिट हुए और इनके द्वारा लिखें गए गीत आज भी लोगोंं की जुबानोंं पर हैं। उनके पिता अनजान भी गीतकार रहे थे। उनके पास सबसे अधिक गीत लिखने का गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स है। उन्होंने लगभग 650 फिल्मों में 4000 गाने से अधिक लिखे हैं। उन्हें यश भारती पुरस्कार भी …

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साथी हाथ बढ़ाना: साहिर लुधियानवी का श्रमिक दिवस विशेष फ़िल्मी गीत

साथी हाथ बढ़ाना - साहिर लुधियानवी - Labour Day Film Song

नया दौर का एक यादगार गीत। फिल्म नया दौर आजादी के बाद देश में किस तरह के बदलाव आए और लोग किस तरह आधुनिकता की ओर अपने कदम बढ़ाने लगे थे, इसे भी समझाया गया था। यह फिल्म भारतीयों के संघर्ष की कहानी है, जिसे बखूबी पर्दे पर उतारा निर्देशक बी.आर. चोपड़ा ने. 1957 में आई इस फिल्म से सिनेमा …

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