In view of the current crusade of Anna Hazare against corruption, this poem about the power of masses becomes a must read. Dinkar Ji wrote this beautiful poem when India became a Republic on January 26, 1950. India‘s population was 33 Crores that time. From now on, it would be the meek people of the land who would collectively rule this …
Read More »पंद्रह अगस्त: 1947 – गिरिजा कुमार माथुर की देश प्रेम हिंदी कविता
Here is a famous poem that was written by the well known poet Girija Kumar Mathur at the time when India got independence. The poem is still relevant today. पंद्रह अगस्त: 1947 – गिरिजा कुमार माथुर आज जीत की रात पहरुए सावधान रहना! खुले देश के द्वार अचल दीपक समान रहना! प्रथम चरण है नए स्वर्ग का है मंज़िल का …
Read More »यह है भारत देश हमारा: सुब्रह्मण्य भारती की देश प्रेम कविता
सुब्रह्मण्य भारती (जन्म: 11 दिसम्बर, 1882 – मृत्यु: 11 सितम्बर, 1921) भारत के महान् कवियों में से एक थे, जिन्होंने तमिल भाषा में काव्य रचनाएँ कीं। इन्हें महाकवि भरतियार के नाम से भी जाना जाता है। भारती एक जुझारू शिक्षक, देशप्रेमी और महान् कवि थे। आपकी देश प्रेम की कविताएँ इतनी श्रेष्ठ हैं कि आपको भारती उपनाम से ही पुकारा …
Read More »भारत गुण–गौरव: शमशेर बहादुर सिंह देश प्रेम बाल-कविता
Here is an old poem of Shamsher Bahadur Singh, in praise of ancient motherland India. शमशेर बहादुर सिंह (जन्म: 13 जनवरी, 1911 – मृत्यु: 12 मई, 1993) आधुनिक हिंदी कविता के प्रगतिशील कवि हैं। ये हिंदी तथा उर्दू के विद्वान हैं। प्रयोगवाद और नई कविता के कवियों की प्रथम पंक्ति में इनका स्थान है। इनकी शैली अंग्रेज़ी कवि एजरा पाउण्ड …
Read More »वीरों का कैसा हो वसंत: सुभद्रा कुमारी चौहान की वीर रस हिंदी कविता
Here is an old classic poem by Subhadra Kumari Chauhan, who also wrote the evergreen poem – Jhansi Ki Rani. Her writing career unfortunately came to an early end as she died at the age of 42, in a road accident. That happened before the country attained freedom. That explains the last stanza of this poem where she says that …
Read More »वह कौन है: हंस कुमार तिवारी की गुमनाम अमर शहीदों पर कविता
He who died unsung, unheard, for the Motherland, who was he? Countless people gave their lives for the freedom of the country India. We only know about a handful. Others contributed their lives and faded away unsung and forgotten. Here is a touching poem by Hanskumar Tiwari. वह कौन है: हंस कुमार तिवारी मिट्टी वतन की पूछती वह कौन है‚ …
Read More »माँ तुझे सलाम – वन्दे मातरम्: महबूब ख़ान
ओ ओ… वन्दे मातरम् x 8 यहाँ वहां सारा जहाँ देख लिया है कहीं भी तेरे जैसा कोई नहीं है अस्सी नहीं सौ दिन दुनिया घूमा है नहीं कहीं तेरे जैसा कोई नहीं मैं गया जहाँ भी बस तेरी याद थी जो मेरे साथ थी मुझको तड़पाती रुलाती सबसे प्यारी तेरी सूरत प्यार है बस तेरा प्यार ही माँ तुझे …
Read More »राणा प्रताप की तलवार: श्याम नारायण पाण्डेय जी का वीर रस काव्य
श्याम नारायण पाण्डेय (1907 – 1991) वीर रस के सुविख्यात हिन्दी कवि थे। वह केवल कवि ही नहीं अपितु अपनी ओजस्वी वाणी में वीर रस काव्य के अनन्यतम प्रस्तोता भी थे। आरम्भिक शिक्षा के बाद आप संस्कृत अध्ययन के लिए काशी चले आये। यहीं रहकर काशी विद्यापीठ से आपने हिन्दी में साहित्याचार्य किया। द्रुमगाँव (डुमराँव) में अपने घर पर रहते …
Read More »हल्दीघाटी: झाला का बलिदान – श्याम नारायण पांडेय
It is said that the Mughals were humbled in victory that day at Haldighati and Rana obtained a glorious defeat. Man Singh narrowly escaped the spear of Rana. Mughals by far out numbers Rana’s men. Tired and wounded Rana was headed for a certain death. At that juncture, a valiant warrior in Rana’s army, named Jhala came to his rescue. …
Read More »जन गण मन: भारत का राष्ट्रगान – रबीन्द्रनाथ टैगोर
जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर (ठाकुर) द्वारा लिखा गया था। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् है। राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड है। कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है, इसमें प्रथम तथा अन्तिम पंक्तियाँ ही बोलते हैं जिसमें लगभग 20 सेकेण्ड का समय …
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