Tag Archives: Desire Hindi Poems

बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया: आनंद बक्षी का मदर्स डे स्पेशल गाना

बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया - आनंद बक्षी Mothers Day Filmi Song

बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया: Amar Prem is a 1972 Indian drama film directed by Shakti Samanta, based on a Bengali short story Hinger Kochuri by Bibhutibhushan Bandopadhyay about a school boy, who is ill-treated by his step mother, and becomes friends with a prostitute neighbour. The film stars Sharmila Tagore playing a prostitute with a heart of gold, …

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कबीर के दोहे: Couplets of Kabir Das

Famous Kabir Das Ke Dohe कबीर के दोहे

कबीरदास भारत के महानतम कवी थे, इन्होने जीवन और उसके भीतर भावनाओ को अहम् बताया और मनुष्य को मार्गदर्शन दिया। इनके काव्य में कहीं भी धर्म का विषय नहीं था, ये सिकन्दर लोदी के समय के समाज सुधारक थे। कबीर के दोहे जीवन को राह देते हैं। Name Kabir Das / कबीर दास Born लगभग (1398 या 1440) लहरतारा, निकट …

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योग का महत्व: योग के लाभ एवं फायदों पर हिंदी बाल-कविता

योग का महत्व: योग के लाभ एवं फायदों पर हिंदी बाल-कविता

योग का महत्व: योग – अभ्यास का एक प्राचीन रूप जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अक्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम शामिल हैं। यह ध्यान लगाने …

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चंद्रशेखर आजाद पर हिंदी कविता: भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी

चंद्रशेखर आजाद पर हिंदी कविता

चंद्रशेखर आजाद पर हिंदी कविता: चंद्रशेखर आजाद (23 जुलाई 1906 – 27 फ़रवरी 1931) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे शहीद राम प्रसाद बिस्मिल व शहीद भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। चंद्रशेखर आजाद: सुशील कुमार शर्मा की हिंदी कविता तुम आजाद थे, आजाद हो, आजाद रहोगे, भारत की जवानियों के तुम खून में …

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मैं सबसे छोटी होऊं: सुमित्रानंदन पंत की कविता

मैं सबसे छोटी होऊं: सुमित्रानंदन पंत

मैं सबसे छोटी होऊं: प्रस्तुत कविता के रचयिता सुमित्रानंदन पंत जी हैं। इस कविता का मुख्य केन्द्र एक छोटी बच्ची हैं। छोटी बच्ची चाहती है की उसका बचपन हमेशा ऐसे ही बना रहे। उसे उसकी माँ का प्रेम ऐसे ही मिलता रहे। कविता में पन्त जी ने बाल सुलभ चेष्टाओं का सुंदर वर्णन किया है। इस कविता में सहज रूप …

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साधो ये मुर्दों का गाँव: संत कबीर की हिन्दी कविता

Sant Kabir Devotional Composition साधो ये मुरदों का गाँव

साधो ये मुर्दों का गाँव: Here is a famous composition of Saint Kabir Das, a nirguni saint of 15th century, who lived in Varanasi. In the present composition Kabir points out how fleeting the life is. Be it a prophet, a King, divine personalities, common people, doctor and patients, all eventually die. This is indeed a world of dead people. …

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समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना

समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना

समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना – Love is not easy. Emotional turmoil and tiffs take their toll. Heightened sensitivity and expectations cause misunderstandings with which the lovers have to deal with constantly. Talking the problems over is not great help because language is too crude a medium to communicate feelings. Here are some suggestions… समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना प्रिये यह अनमनापन …

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रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद

रविन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविता का हिंदी अनुवाद: रवीन्द्रनाथ टैगोर ज्यादातर अपनी पद्य कविताओं के लिए जाने जाते है, टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएँ, यात्रावृन्त, नाटक और हजारों गाने भी लिखे हैं। टैगोर की गद्य में लिखी उनकी छोटी कहानियों को शायद सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है; इस प्रकार इन्हें वास्तव में बंगाली भाषा …

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रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद: बचपन से ही रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविता, छन्द और भाषा में अद्भुत प्रतिभा का आभास लोगों को मिलने लगा था। उन्होंने पहली कविता आठ साल की उम्र में लिखी थी और 1877 में केवल सोलह साल की उम्र में उनकी लघुकथा प्रकाशित हुई थी। भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूँकने वाले …

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उर्वशी (नर प्रेम – नारी प्रेम): रामधारी सिंह दिनकर

उर्वशी (नर प्रेम - नारी प्रेम): रामधारी सिंह दिनकर

रामधारी सिंह दिनकर साहित्य के वह सशक्त हस्ताक्षर हैं जिनकी कलम में दिनकर यानी सूर्य के समान चमक थी। उनकी कविताएं सिर्फ़ उनके समय का सूरज नहीं हैं बल्कि उसकी रौशनी से पीढ़ियां प्रकाशमान होती हैं। रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (जन्म: 23 सितंबर, 1908, बिहार; मृत्यु: 24 अप्रैल, 1974, तमिलनाडु) हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक, कवि एवं निबंधकार थे। ‘राष्ट्रकवि दिनकर’ आधुनिक …

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