आई रे आई दिवाली पटाखे तोहफे लायी दिवाली दिल को खुश करने आई दिवाली आई रे आई दिवाली आई रे आई दिवाली मज़े करते हुए बच्चे देखो मम्मी का ना पापा का डर है स्कूल का ना टीचर का डर है बल्ब फूल लगते पापा मंदिर सजाती देखो मम्मी बच्चे हैं खेलते कूदते पटाखों में एकदम मस्त हैं खाना देखो …
Read More »होगा तभी दशहरा: विजय दशमी पर हिंदी कविता
दशहरा के त्यौहार पर हिंदी कविता – होगा तभी दशहरा किस्सा एक पुराना बच्चों, लंका में था रावण, राजा एक महा-अभिमानी, काँपता जिससे कण-कण। उस अभिमानी रावण ने था, सबको खूब सताया, रामचन्द्र जब आये वन में, सीता को हर लाया। झिलमिल झिलमिल सोने की, लंका पैरो पे झुकती, और काल की गति भी भाई, उसके आगे रूकती। सुन्दर थी लंका, लंका …
Read More »जय सरस्वती माता: सरस्वती माँ की आरती
Goddess Saraswati: The name Saraswati came from “saras” (meaning “flow”) and “wati” (meaning “she who has …”), i.e. “she who has flow” or can mean sara meaning “essence” and swa meaning “self”. So, Saraswati is symbol of knowledge; its flow (or growth) is like a river and knowledge is supremely alluring, like a beautiful woman. She is depicted as beautiful …
Read More »विद्यालय मैगजीन से हिंदी बाल-कविताएँ
गुरु: प्रभलीन कौर गुरु अनहद का नाद है, गुरु बोध का स्वाद है। गुरु शरणागत की शक्ति है, गुरु स्नेह की पवित्र धारा है।। गुरु बेसहारों का सहारा है, गुरु अनंत कृपाओं का सागर है। गुरु अनुभव की छलकती गागर है, गुरु नवजीवन की भोर है।। गुरु प्रेम की सुंदर डोर है, गुरु सत्य का सुखद स्पर्श है। गुरुदेव है, …
Read More »मॉर्डन रसिया: अल्हड़ बीकानेरी की हास्य व्यंग्य कविता
Alhad Bikaneri (17 May 1937 – 17 June 2009) was a renowned Hindi and Urdu poet of Hasya Ras (Humor) of India. His original name was Shyamlal Sharma. He was born on 17 May 1937 in a small village named Bikaner, Rewari district, Haryana, India. Honored with “Hasya Ratna” he is considered as one of the most famous Hindi humor …
Read More »बुलाय गई राधा प्यारी: अल्हड़ बीकानेरी हास्य कविता
Barsana (Mathura district of the state of Uttar Pradesh, India) is the home village of Radha, and ‘Kanha Barsane main aayi jaiyo‘ is quite a famous geet about the teasing that goes on between Radha and Lord Krishna. Here hasya kavi Allhad Bikaneri has made a parody of this old song in the modern context. How things have changed! बुलाय …
Read More »राजीव कृष्ण सक्सेना की धार्मिक कविता: मैं ही हूं
We humans see the world and interpret it as per our mental capacities. We try to make a sense out of this world by giving many hypotheses. But reality remains beyond us, a matter of constant speculation. मैं ही हूँ प्रभु पुत्र आपका, चिर निष्ठा से चरणों में नित बैठ नाम का जप करता हूँ मैं हीं सिक्का खरा, कभी …
Read More »Mine Is Gopal: Meerabai Devotional Poem
Mine is Gopal, the Mountain-Holder; there is no one else. On his head he wears the peacock-crown: He alone is my husband. Father, mother, brother, relative: I have none to call my own. I’ve forsaken both God, and the family’s honor: what should I do? I’ve sat near the holy ones, and I’ve lost shame before the people. I’ve torn …
Read More »रमजान का महिना: रमजान के रोजों पर हिंदी कविता
मुस्लिम समुदाय का पवित्र महीना रमजान शुरू हो गया है। आज चांद दिखाई दे गया है। कल पहला रोजा रखा जाएगा। रमजान की तैयारियां घरों में चल रही हैं। बाजार में लोग रोजा इफ्तार और सहरी के लिए खरीदारी कर रहे हैं। इस महीने में भगवान की दी हर नेमत के लिए अल्लाह का शुक्र अदा किया जाता है। महीने के बाद शव्वाल की पहली …
Read More »फिर एक बार: महादेवी वर्मा की देशभक्ति कविता
Here is a poem by the well-known poetess Mahadevi Varma, showing her deep devotion and appreciation of the motherland. मैं कम्पन हूँ तू करुण राग मैं आँसू हूँ तू है विषाद मैं मदिरा तू उसका खुमार मैं छाया तू उसका अधार मेरे भारत मेरे विशाल मुझको कह लेने दो उदार फिर एक बार, बस एक बार कहता है जिसका व्यथित …
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