मान्यताओं के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के दौरान नासिक के पास स्थित तपोवन नामक स्थान पर ठहरे थे। यहीं लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काटी थी और इसलिए इस जगह का नाम नासिक पड़ा, जोकि एक नाक का ही अनुवाद रूप है। 150 ईसा पूर्व के प्रसिद्ध दार्शनिक प्लोतेमी ने भी नासिक का उल्लेख किया …
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