अयोध्या राम मंदिर एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है जो वर्तमान में भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन है। जनवरी 2024 में इसका गर्भगृह तथा प्रथम तल बनकर तैयार है और 22 जनवरी 2024 को इसमें श्रीराम के बाल रूप में विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा की गई। मंदिर दर्शन कैसे होंगे? अयोध्या राम मंदिर कब खुलता है? सुबह – 06.30 से …
Read More »रामनारायण मंदिर विजयनगर, आंध्र प्रदेश: धनुष-बाण जैसा श्रीराम मंदिर
रामनारायण मंदिर विजयनगर: आंध्र प्रदेश के विजयनगर में रामनारायण मंदिर का स्थापत्य राम-धनुष की आकृति लिए है। भूतल पर महाविष्णु तो ऊपरी तल पर भगवान श्रीराम का मंदिर है। बाण के अगले भाग पर हनुमान जी की 60 फुट ऊंची मूर्ति है, जिसे एक किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता है। भारतीय स्थापत्य का अद्भुत नमूना है यह मंदिर। …
Read More »दियरा घाट, सुलतानपुर जिला, उत्तर प्रदेश: जहाँ मनी थी पहली बार दीपावली
दियरा घाट: पहली बार जहाँ मनी थी दीपावली, भगवान श्री राम ने किया था दीपदान; शामिल हुए थे अयोध्या के लोग भी ‘आदि गंगा’ कही जाने वाली गोमती नदी के तट पर दियरा घाट स्थित है, जहाँ पर अयोध्या से पहले दीपावली मनाई गई थी। दियरा घाट पर भगवान राम ने दीपदान किया था, तभी से मन रही दीपावली। दिवाली …
Read More »रामनाथ शिव भोला मंदिर, सूरत, गुजरात
आज तक आप सब ने यही देखा-सुना होगी कि मंदिर में भगवान को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग चीज़ें चढ़ाई जाती हैं। जिसमें दूध, दही, मिठाईयां, पुष्य आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा हर कोई अपनी श्रद्धा-भावना के अनुसार भगवान को खुश करने के लिए कुछ न कुछ अर्पित करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं हमारे देश में एक …
Read More »कौशल्या माता मंदिर, चंदखुरी, छत्तीसगढ़
आप सबने ऐसे कई मंदिरों के बारे में सुना होगा जहां भगवान राम विराजित हैं। ज्यादातर भारत में ऐसे मंदिर हैं जहां श्रीराम पत्नी हनुमान जी और भाई लक्ष्मण के साथ स्थापित हैं। लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर हैं, जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अपनी माता के साथ विराजमान हैं। जी हां, इस मंदिर में भगवान राम अपने बाल …
Read More »रावण का बुत, पायल शहर, पंजाब
बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरे के अवसर पर चार वेदों के ज्ञाता तथा छ: शास्त्रों के ध्याता लंकेश रावण के पुतले बना कर देश के कोने-कोने में दशहरे पर अग्रि भेंट किए जाते हैं परन्तु पंजाब के पायल शहर में दशकों पुराना ‘रावण का बुत‘ स्थापित है जिसकी आज भी पूजा की जाती है। इस दिन दस …
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