Tag Archives: Flowers Poems for Students

माँ भूखी रहती है: माँ पर हिंदी कविता

माँ भूखी रहती है Mother's Day Special Hindi Poem

इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ के सच्चे प्यार और परवरिश से नहीं तौला जा सकता। वो हमारे जीवन की एकमात्र ऐसी महिला है जो बिनी किसी मंशा के अपने बच्चे को ढ़ेरा सारा प्यारा परवरिश देती है। एक माँ के लिये बच्चा ही सबकुछ होता है। जब हम मजबूर होते है तो वो हमेशा जीवन में किसी …

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मैंने माँ को देखा है: आनंद बक्षी का मातृ दिवस स्पेशल फ़िल्मी गीत

मैंने माँ को देखा है – आनंद बक्षी Mother’s Day Hindi Film Song

Mastana is a 1970 Bollywood comedy film directed by Adurthi Subba Rao. The film stars Mehmood and Vinod Khanna. The film premiered on 16 October 1970 in Bombay. The film is remake of the Telugu film Sattekalapu Satteya (1969), directed by K. Balachander, starring Chalam and was remade in Kannada Language in 1980 as Manku Thimma by Dwarakish. मैंने माँ …

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मुरझाया फूल: महादेवी वर्मा जी की हिंदी कविता

मुरझाया फूल - महादेवी वर्मा

World loves you till the time you have some thing to give. After that you are forgotten. This bitter truth is described metaphorically in this lovely poem by Mahadevi Verma. था कली के रूप शैशव में‚ अहो सूखे सुमन हास्य करता था‚ खिलाती अंक में तुझको पवन खिल गया जब पूर्ण तू मंजुल‚ सुकोमल पुष्पवर लुब्ध मधु के हेतु मंडराते …

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धूप सा तन दीप सी मैं: महादेवी वर्मा जी की हिंदी कविता

धूप सा तन दीप सी मैं: महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा का जन्म फर्रुखाबाद में हुआ। प्रयाग विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. किया तथा प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या बनीं और आजीवन वहीं रहीं। महादेवी वेदना की गीतकार हैं, जिसकी अभिव्यक्ति छायावादी शैली में प्रकृति के माध्यम से हुई है। काव्य संकलन “यामा” के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार, 1979 में साहित्य अकादमी फेलोशिप, 1956 में पद्म भूषण और 1988 में …

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हर घट से: चिंतन पर नीरज की प्रेरणादायक हिंदी कविता

Gopal Das Neeraj

This is a famous poem of Niraj. One has to be selective in life, put in sustained efforts and be patient in order to succeed. हर घट से: गोपाल दास नीरज हर घट से अपनी प्यास बुझा मत ओ प्यासे! प्याला बदले तो मधु ही विष बन जाता है! हैं बरन बरन के फूल धूल की बगिया में लेकिन सब ही …

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