बड़े घर की बेटी मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध कहानी है। इस कहानी में उन्होंने संयुक्त परिवार में उत्पन्न होने वाली समस्याओं, कलहों, बात का बतंगड़ बन जाने और फिर आपसी समझदारी से बिगड़ती परिस्थिति को सामान्य करने का हुनर को दर्शाया है। बड़े घर की बेटी में कहानीकार ने पारिवारिक मनोविज्ञान को बड़ी ही सूक्ष्मता से बेनीमाधव सिंह, …
Read More »हैप्पी टीचर्स डे: डॉ. मंजरी शुक्ला – दिल को छू लेने वाली हिंदी बाल-कहानी
आज जब रोहित स्कूल के लिए निकला तो उसे घर के सामने वाली सड़क पर उसी की उम्र का बच्चा फूल बेचते हुए दिखा। रोहित को लगा कि उसने उस लड़के को पहले भी कहीं देखा है। वह बहुत गौर से उसे देखने लगा पर बहुत याद करने पर भी उसे कुछ याद नहीं आया। कई बार रोहित सड़क पर …
Read More »Friendship: Animal Inspirational Story by Manjari Shukla
Friendship Story: Pinku, a little squirrel was fond of placing bets with her friend Tutu parrot. However she always felt disappointed, as she always lost the bet. Poor Pinku was forced to offer five of her favorite nuts in return. All her friends advised her to avoid any further betting but Pinku used to remain silent with a faint smile. …
Read More »Sweety and Kalu: Animal Moral Story about Friendship
Sweety and Kalu: Tired Sweety mynah was putting extra efforts in order to hastily reach her soft and cozy nest which she had made a day back. Being exhausted she wanted to reach soon and have a comfortable nap. The sight of her nest upset all her thoughts of relaxation. “Alas! Somebody has destroyed my new nest”. she screamed in disbelief. Sweety and …
Read More »लौट आओ पापा: पितृ दिवस पर हिंदी बाल-कहानी
लौट आओ पापा: कहते है जाने वाला कभी लौट कर नहीं आता है, पर इन सभी बातों को झुठलाते हुए, आप लौट आओ पापा। घर पर आपकी बहुत ज़रूरत है। ज़रूरत तो हम सबको है पर माँ को सबसे ज़्यादा। कल भैया का फ़ोन आया था। बता रहे थे कि माँ अभी भी देहरी पर बैठी रहती है किसी ना …
Read More »बाबूजी: पितृ दिवस पर कहानी
पितृ दिवस पर कहानी: बाबूजी – जब ईश्वर जरुरत से ज्यादा झोली में गिर देता हैं तो वह भी मनुष्य के लिए अहंकार और पतन का कारण बन जाता हैं। ऐसा ही कुछ हुआ चाँदनी के साथ… सभ्य, सुशील और बेहद महत्वकांशी चाँदनी को जब महात्मा गाँधी के आदर्शों पर जीवन पर्यन्त चलने वाले ईमानदार और अकेले बाबूजी ने उसे …
Read More »Terror: My Friend’s Story – Anton Chekhov
Terror: My Friend’s Story – Anton Chekhov: DMITRI PETROVITCH SILIN had taken his degree and entered the government service in Petersburg, but at thirty he gave up his post and went in for agriculture. His farming was fairly successful, and yet it always seemed to me that he was not in his proper place, and that he would do well …
Read More »बिल्लू की पतंग: कहानी एक चंचल बच्चे की
बिल्लू हमेशा की तरह अपनी किताब पकड़े हुए बगीचे में बैठा हुआ था पर उसकी नज़रें आसमान में उड़ती हुई लाल पतंग पर टिकी हुई थी। मम्मी जो कि पास ही बैठी गुलाब के पौधों की कटाई-छंटाई कर रही थी उसे बीच बीच में देख लेती थी। वह मन ही मन बहुत खुश हो रही थी कि करीब एक घंटा …
Read More »Dadima’s Stick: Fun filled Mystery Story
Dadima’s Stick: The first thing Govind and I noticed as Dadima (paternal grand-mother) came out through the glass doors of the Bombay airport in a wheelchair was the stick in her hand. Dadima had gone to Dubai for a short stay with Gopal Chacha (father’s younger brother). A week later, she had had a fall, and her artificial left hip …
Read More »A Wisp of Straw: Making Of A Bird House
Pinky was standing at the kitchen window when she first saw the bird fly past. A small black and brown bird, when a patch of pure, dazzling white on the wings. In its beak it held a wisp of straw. Pinky strained hard to peep out of the window but the bars held her back. She only saw the bird …
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