Guru Gobind Singh Ji (22 December 1666 – 7 October 1708), born Gobind Rai, was the tenth Sikh Guru, a spiritual master, warrior, poet and philosopher. When his father, Guru Tegh Bahadur, was executed by Aurangzeb, Guru Gobind Singh was formally installed as the leader of the Sikhs at the age of nine, becoming the tenth and final human Sikh …
Read More »Dear Guru Nanak: English Poetry for Students and Children
Dear Guru Nanak: English Poetry – Sri Guru Nanak Dev Ji was the creator of Sikhism, and the first of the ten Sikh Guru’s. The last Guru said that there would be no more Gurus after him and Sikhs would be taught by the Sikh holy book, which is called Guru Granth Sahib Ji. The word “Guru” means “teacher” in …
Read More »Love Never Dies: Guru Nanak Devotional Poetry
‘Guru Nanak Dev Ji’ was born on 15 April 1469 at Rāi Bhoi Kī Talvaṇḍī, now called Nankana Sahib, near Lahore, Pakistan. He was the son of Kalyan Chand Das Bedi and Mata Tripta. His father was a patwari (accountant) for crop revenue in the village of Talwandi. Guru Nanak Dev was married to Mata Sulakhni. Guru Nanak Dev Ji …
Read More »मंगल दीप दिवाली: दिवाली पर हिंदी कविता
मंगल दीप दिवाली: दीपावली के शुभ दिन भारत में महालक्ष्मी की पूजा का विधान है। दीपावली के पूजन में दीपक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सिर्फ मिट्टी के दीपक का ही महत्व है। इसमें पांच तत्व हैं, मिट्टी, आकाश, जल, अग्नि और वायु। इस लिए प्रत्येक हिंदू अनुष्ठान में पंच तत्वों की उपस्थिति अनिवार्य होती है। मंगल दीप दिवाली वह …
Read More »दिवाली आई, दिवाली आई: हिंदी बाल-कविता
दिवाली आई, दिवाली आई: हिंदी बाल-कविता दिवाली आई, दिवाली आई, खुशियो की बहार लायी। धूम धमक धूम-धूम, चकरी, बम, हवाई इनसे बचना भाई। दिवाली आई, दिवाली आई, खुशियो की बहार लायी। पटाखे बाजे धूम-धूम, धूम-धूम। आओ मिलकर नाचे गए हम और तुम…। घर घर दीप जलेंगे, आएगी मिठाई। दिवाली आई, दिवाली आई, खुशियो की बहार लायी। धूम धमक धूम-धूम, चकरी, …
Read More »दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे: कविता
दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे: दिवाली भारतीयों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है और हमारे लिए लगभग कोई भी त्योहार आतिशबाजी के बिना पूरा नही माना जाता है। लोग पटाखों और आतिशबाजी को लेकर इतने उत्सुक होते हैं कि वह दिवाली के एक दिन पहले से ही पटाखे फोड़ना शुरु कर देते हैं और कई बार …
Read More »दिवाली रोज़ मनाएं: दीपावली पर छोटी कविता
दिवाली रोज़ मनाएं: भारत में यह त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है। धनतेरस से भाई दूज तक यह त्योहार चलता है। धनतेरस के दिन व्यापार अपने बहीखाते नए बनाते हैं। अगले दिन नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अच्छा माना जाता है। अमावस्या के दिन लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है। खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाया जाता …
Read More »करवा चौथ का चाँद: Karva Chauth Poem
करवा चौथ का चाँद: Karva Chauth Poem – ‘करवा चौथ‘ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘करवा’ यानी ‘मिट्टी का बरतन’ और ‘चौथ’ यानि ‘चतुर्थी’। इस त्योहार पर मिट्टी के बरतन यानी करवे का विशेष महत्व माना गया है। सभी विवाहित स्त्रियां साल भर इस त्योहार का इंतजार करती हैं और इसकी सभी विधियों को बड़े श्रद्धा-भाव से पूरा …
Read More »Second Day of Durga Puja: Raj Nandy
Second Day of Durga Puja: Durga Ashtami or Maha Ashtami is one of the most auspicious days of five days long Durga Puja Festival. In India fasting is undertaken by many people on this holy occasion. This day is also known for ‘Astra Puja’ (Worshiping Weapons) as on this day the weapons of Goddess Durga are worshiped. The day is …
Read More »Durga Puja of Bengalis: Sonnet Mondal
Durga Puja of Bengalis: Durga Puja is one of the most famous festivals celebrated in West Bengal state of India and particularly in Kolkata, in honour of Goddess Durga during the period of Navratri. It is celebrated for 10 days, however starting from the sixth day until the ninth day, the Pandals with grand idols of Goddess Durga are open …
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