ना जाने कहाँ छुपा बैठा हैं ये, रोज का इसका यह तमाशा हैं… आवाज़ लगा लगा कर तो मेरा गला दुःख गया हैं… मीनू उसे ढूंढते हुए बगीचे तक आ गई थी। आम के पेड़ के पीछे छुपे बैठे तीन साल के बंटी को देखकर मीनू का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच गया था। उसने ना आव देखा ना ताव …
Read More »नन्हे बच्चों के लिए हिंदी बाल-कहानियाँ
दादी और नानी की मीठी कहानियों का संसार इतना सुंदर और लुभावना है कि बाल-मन उससे बाहर निकलना ही नहीं चाहता। हर बालक यही चाहता है कि कहानी (छोटे बच्चों की कहानियां) बस चलती ही जाए। हर रात, सोने से पहले, नानी या दादी की गोदी में सिर रखकर कहानी सुनने की बातें कई बच्चों को परी-कथा जैसी लग सकती …
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