गोलू, सोनू छोड़ो असमंजस,आया है भाई हैप्पी क्रिसमस।लो आई मस्ती की बहार,मांगो क्या चाहिए उपहार,सांता क्लॉज़ उनको ही देंगे,जिनका होगा सद्व्यवहार,किस उधेड़-बुन में गए फंस,आया है भाई हैप्पी क्रिसमस।ईसा मसीह का जन्मदिन,क्रिसमस ट्री सजाने का दिन,सभी मिल गाओ ताक-धिना-धिन,तोहफों का आनंद लो हंस हंस,आया है भाई हैप्पी क्रिसमस। ∼ विपिन
Read More »सांता आओ: क्रिसमस पर बाल-कविता
सांता आओ सांता आओशांति और खुशहाली लाओचॉकलेट टॉफियां हुई पुरानीदेश प्रेम का सन्देश लाओसांता आओ सांता आओशांति और खुशहाली लाओआतंकवाद बढ़ा है देश मेंउसको दूर भगाओसांता आओ सांता आओशांति और खुशहाली लाओन्यारी प्यारी दुनिया सारीआतंकवाद से बिगड़ रही हैसबको प्यार का पाठ पढ़ाओसांता आओ सांता आओशांति और खुशहाली लाओ ∼ शिवांगी गोस्वामी [रॉयन इंटरनेशनल स्कूल, कक्षा – ५ ‘अ’ – जयपुर, राजस्थान]
Read More »मॉर्डन रसिया: अल्हड़ बीकानेरी की हास्य व्यंग्य कविता
Alhad Bikaneri (17 May 1937 – 17 June 2009) was a renowned Hindi and Urdu poet of Hasya Ras (Humor) of India. His original name was Shyamlal Sharma. He was born on 17 May 1937 in a small village named Bikaner, Rewari district, Haryana, India. Honored with “Hasya Ratna” he is considered as one of the most famous Hindi humor …
Read More »बुलाय गई राधा प्यारी: अल्हड़ बीकानेरी हास्य कविता
Barsana (Mathura district of the state of Uttar Pradesh, India) is the home village of Radha, and ‘Kanha Barsane main aayi jaiyo‘ is quite a famous geet about the teasing that goes on between Radha and Lord Krishna. Here hasya kavi Allhad Bikaneri has made a parody of this old song in the modern context. How things have changed! बुलाय …
Read More »मीडिया की सच्चाई: सलीम खान – भारतीय मीडिया पर व्यंग
आज कलम का कागज से मैं दंगा करने वाला हूँ, मीडिया की सच्चाई को मै नंगा करने वाला हूँ। मीडिया जिसको लोकतंत्र का चौंथा खंभा होना था, खबरों की पावनता में जिसको गंगा होना था। आज वही दिखता है हमको वैश्या के किरदारों में, बिकने को तैयार खड़ा है गली चौक बाजारों में। दाल में काला होता है तुम काली …
Read More »बाल-कविताओं का संग्रह: ओमप्रकाश बजाज (भाग 2)
खिचड़ी: ओमप्रकाश बजाज चावल-दाल मिला कर बनती, खिचड़ी घर में सब को भाती। रोगी को डॉक्टर खाने को कहते, हल्की गिजा वे इसे मानते। घी और मसालों का छौंक लगा कर, छोटे-बड़े सब शौक से खाते। बीरबल की खिचड़ी पकाना कहलाती, जब किसी काम में अधिक देर हो जाती। घी खिचड़ी में ही तो रहा, तब कहा जाता, जब घर …
Read More »भई भाषण दो: गोपाल प्रसाद व्यास – भारतीय राजनीति पर व्यंग्य पूर्ण हिंदी कविता
यदि दर्द पेट में होता हो या नन्हा–मुन्ना रोता हो या आंखों की बीमारी हो अथवा चढ़ रही तिजारी हो तो नहीं डाक्टरों पर जाओ वैद्यों से अरे न टकराओ है सब रोगों की एक दवा भई, भाषण दो, भई, भाषण दो हर गली, सड़क, चौराहे पर भाषण की गंगा बहती है, हर समझदार नर–नारी के कानों में कहती रहती …
Read More »