In most human endeavors, there are ups and downs. But in the field of politics, downswings can be brutal and up-swings full of elation and optimism. Two poems of Atal Ji reflect beautifully on this roller coaster. First one appears to have been written in a phase of disillusionment and dejection when the poet’s heart says, “I won’t sing any …
Read More »अपने ही मन से कुछ बोलें: अटल की आत्म चिंतन कविता
Atal Jis poems have special significance. He was leader of a country of one billion people; a seasoned politician who would have seen all that is to be seen on this earth. It is admirable that he retained the sensitivity of heart as a poet too, a member of the rare breed of philosopher kings. I was specially moved by …
Read More »पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा Father’s Day Special Bollywood Song
पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा: मजरूह सुल्तानपुरी पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा बेटा हमारा ऐसा काम करेगा मगर ये तो, कोई ना जाने के मेरी मंज़िल, है कहाँ… बैठे हैं मिलके, सब यार अपने सबके दिलों में, अरमां ये है वो ज़िन्दगी में, कल क्या बनेगा हर इक नजर का, सपना ये है कोई इंजीनियर का काम करेगा …
Read More »पापा की परी Hindi Song Dedicated To Father
पापा की परी: देव कोहली Ladies and gentlemen A son is a son till he gets himself a wife, but a daughter is a daughter all her life. पापा की परी हूँ मैं ओ ओ ओ ओ ओ – २ आई मैं आई नीले गगन से लाई मैं लाई तारों को चुन के मेरे लिये जो बना है सुन ले …
Read More »बाप का कंधा Hindi Wisdom poem from Father to Son
बाप का कंधा: पिता दिवस या फ़ादर्स डे के सम्मान में मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा जब मेरे कंधे पर खड़ा हो गया मुझसे कहने लगा देखो पापा मैं तुमसे बड़ा हो गया मैंने कहा बेटा – इस गलत फ़हमी में भले ही जकड़े रहना मगर मेरा हाथ पकड़े रहना जिस दिन यह हाथ छूट जाएगा बेटा तेरा रंगीन …
Read More »अकेले हम अकेले तुम Father Son Heart Touching Hindi Song
अकेले हम अकेले तुम: मजरूह सुल्तानपुरी अकेले हम, अकेले तुम जो हम तुम संग है तो फिर क्या ग़म तू मेरा दिल, तू मेरी जान, O I love you Daddy, तू मासूम, तू शैतान, But you Love me Daddy… यू तो है तू नन्हा सा है मगर गुरु सब का और इसी शरारत से दिल जिगर है तू सब का कहने …
Read More »काका हाथरसी के दोहे
सन १९०६ में हाथरस में जन्मे काका हाथरसी (असली नाम: प्रभुनाथ गर्ग) हिंदी व्यंग्य के मूर्धण्य कवि थे। उनकी शैली की छाप उनकी पीढ़ी के अन्य कवियों पर तो पड़ी ही, आज भी अनेकों लेखक और व्यंग्य कवि काका की रचनाओं की शैली अपनाकर लाखों श्रोताओं और पाठकों का मनोरंजन कर रहे हैं। व्यंग्य का मूल उद्देश्य लेकिन मनोरंजन नहीं …
Read More »चांद पर मानव: काका हाथरसी
This poem was written by Kaka Hathrasi, when man had for the first time reached on moon. Big deal! Many thought. चांद पर मानव: काका हाथरसी ठाकुर ठर्रा सिंह से बोले आलमगीर पहुँच गये वो चाँद पर, मार लिया क्या तीर मार लिया क्या तीर, लौट पृथ्वी पर आये किये करोड़ों खर्च, कंकड़ी मिट्टी लाये ‘काका’, इससे लाख गुना अच्छा …
Read More »कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ: काका हाथरसी
Here is an excerpt from a very funny and at a time very popular poem of Kaka Hathrasi. See Kakas advice on how to raise the standard of your life! प्रकृति बदलती क्षण-क्षण देखो, बदल रहे अणु, कण-कण देखो। तुम निष्क्रिय से पड़े हुए हो। भाग्य वाद पर अड़े हुए हो। छोड़ो मित्र! पुरानी डफली, जीवन में परिवर्तन लाओ। परंपरा …
Read More »आओ तुम्हे बताऊ के माँ क्या है: कैफ़ी आज़मी
आओ तुम्हे बताऊ के माँ क्या है: कैफ़ी आज़मी आओ आओ तुम्हे बताऊ के माँ क्या है माँ एक ज्योति जीवन है बाकी सब अन्धियारा है माँ एक ज्योति जीवन है बाकी सब अन्धियारा है साच्ची उसके दुनिया में भगवान ने प्यार उतारा है माँ का दूजा नाम है प्यार मेरे साथी मेरे यार आओ आओ तुम्हे बताऊ के माँ …
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