ढांड दी ला के चादर: बैसाखी का लोकप्रिय गीत – देश भर में 13 अप्रैल को यानी आज बैसाखी का पर्व मनाया जा रहा है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार इस दिन को हमारे सौर नव वर्ष की शुरुआत के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं और फसल के कटकर घर आ जाने …
Read More »रब्ब हर साल एहोजी बैसाखी ल्यावे
बैसाखी का अर्थ वैशाख मास की संक्रांति है। यह वैशाख सौर मास का प्रथम दिन होता है। बैसाखी वैशाखी का ही अपभ्रंश है। इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है। हरिद्वार और हृषिकेश में बैसाखी पर्व पर भारी मेला लगता है। बैसाखी के दिन सूर्य मेष राशि में संक्रमण करता है । इस कारण इस दिन को मेष संक्रान्ति …
Read More »लाल बहादुर शास्त्री: कमला प्रसाद चौरसिया बाल-कविता शास्त्री जी के बारे में
लाल बहादुर शास्त्री: कमला प्रसाद चौरसिया – Lal Bahadur Shastri was the third (second, and acting, being Gulzarilal Nanda) Prime Minister of Independent India and a significant figure in the Indian independence movement. लाल बहादुर शास्त्री: बाल-कविता शास्त्री जी के बारे में पैदा हुआ उसी दिन,जिस दिन बापू ने था जन्म लिया।भारत-पाक युद्ध में जिसनेतोड़ दिया दुनिया का भ्रम॥ एक रहा …
Read More »नव वर्ष के स्वागत में: रंजना सोनी
नव वर्ष के स्वागत में: रंजना सोनी – नव वर्ष की प्रणाली ब्रह्माण्ड पर आधारित होती है, यह तब शुरु होता है जब सूर्य या चंद्रमा मेष के पहले बिंदु में प्रवेश करते हैं। आज, चंद्रमा मेष राशि में प्रवेश कर चुका है और दिन बाद अर्थात 13 अप्रैल को सूरज मेष राशि के पहले बिंदु में प्रवेश करेगा, जिस …
Read More »नव वर्ष के कोरे पन्नों पर: नयें साल की कविता
नव वर्ष एक उत्सव की तरह पूरे विश्व में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथि मार्च और अप्रैल के …
Read More »शाकाहार: सौरभ जैन सुमन की शाकाहारी जीवन पर कविता
हमारी भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही शाकाहार की ओर जोर दिया गया है, लेकिन वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के कई अध्ययनों के बाद शाकाहार का डंका अब विश्व भर में बजने लगा है। शरीर पर शाकाहार के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए दुनिया भर में लोगों ने अब माँसाहार से किनारा करना शुरू कर दिया है। आज इसीलिये पूरे विश्वभर …
Read More »देश मेरे: राजीव कृष्ण सक्सेना
It was many many years ago when I was faced with the question of staying back in USA or return to India. Career and material considerations would have us stay back but deep rooted tug on heart would urge us to pack up and leave. As any pravasi Indian would testify, this is quite a heart wrenching decision to take. …
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